किसी भी देश में अगर नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ी हों तो यह देश के लिए गौरव की बात होती है.अपने खेल परफॉर्मेंस से नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर इतिहास बना दिया है और जैसा कि हमारे देश में प्रचलन है नीरज चोपड़ा की विजय के साथ एक खिलाड़ी के रूप में उन्हें देश के स्वनामधन्य नेता बधाई देने में जुट गए हैं.

हम यह कहना चाहते हैं कि नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ी की जीत को देश और सरकार को चाहिए कि कुछ ऐसे प्रयास करें कि नीरज जैसे खिलाड़ी पैदा हो और देश का नाम रोशन करें. मगर इस दिशा में सरकार का ध्यान नहीं है
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दरअसल,ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जैवलिन थ्रो इवेंट का सिल्वर मेडल जीतते हुए इतिहास रच दिया है. वह इस इवेंट में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. नीरज चोपड़ा ने 88.13 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सिल्वर मेडल देश की झोली में डाला है.
इस तरह 19 वर्ष बाद भारत को टूर्नामेंट में मेडल मिला है. इससे पहले 2003 में लॉन्ग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज ने विश्व चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

आपको हम बताएं नीरज चोपड़ा होने का अभिप्राय क्या होता है.
वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 19 साल पहले 2003 में भारत के लिए पहला मेडल जीतने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज ने नीरज चोपड़ा को बधाई दी . अंजू बॉबी जॉर्ज ने कहा - मैं नीरज के पदक जीतने पर बहुत खुश ही हूं. मैं इसलिए भी बहुत खुश हूं कि इस मेडल के लिए लंबा इंतजार खत्म हुआ. वर्ल्ड चैंपियनशिप पर पोडियम पर खड़े होना ही बहुत खास होता है. स्मरण हो कि नीरज पहले ही ओलंपिक मेडल जीत चुके हैं. इसके बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल के लिए उनको एक बार फिर से बहुत-बहुत बधाई.

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