साल था जनवरी 2018 का, जब मेरे दोस्त मोनू के बड़े भाई राजीव की शादी के लिए जगहजगह लड़की तलाशने के लिए लोगों के घर जाया जा रहा था. उन के घर वाले एक ऐसी बहू की तलाश में थे, जो की सुंदर हो, सुशील हो, घर का काम करना आता हो, पढ़ीलिखी हो वगैरह.

खानदान के पंडित बड़ी मेहनत से कुंआरी लड़कियों के रिश्ते का पता करते और एक के बाद एक लड़के की कुंडली के अनुसार लड़कियों को छांटते रहे.

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घर वालों ने तो पंडितजी से साफ कह दिया था कि लड़कालड़की की कुंडली में कम से कम 24 गुण तो मिलने ही चाहिए. राजीव की कुंडली के अनुसार घर के पंडित का लड़की ढूंढ़ना थोड़ा मुश्किल होने लगा, तो घर वालों ने अपने गांव के कुछ और पंडितों को भी लड़की ढूंढ़ने के इस काम में शामिल कर लिया.

आखिरकार पंडितों के काफी तलाशने के बाद एक ऐसी लड़की मिल ही गई, जिस से राजीव की कुंडली से 36 में से 32 गुणों का मिलान हो गया. राजीव के घर वाले बहुत खुश हुए और जल्द ही लड़की वालों से मिल कर रिश्ते की बात भी पक्की कर आए.

अप्रैल तक आतेआते राजीव की शादी हो गई और नया जोड़ा हनीमून के लिए कुछ दिनों के लिए शिमला चला गया. मेरे दोस्त मोनू ने अपने बड़े भाई के बारे में बताया कि राजीव और कल्पना की शादी को कुछ ही महीने बीते थे कि इन दोनों के बीच छोटीमोटी बातों को ले कर अनबन शुरू हो गई. पहले बात केवल एकदूसरे के प्रति नाराजगी तक थी, लेकिन कुछ समय बाद ये अनबन छोटेमोटे झगड़ों का रूप लेने लगी.

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