Kohinoor : मुगलों को गाली देना आज के समय ट्रैंड में है. कुछ लोग कहते हैं कि मुग़ल लुटेरे थे लेकिन वो लूट कर कहां ले गए, यह कोई नहीं बताता. अगर मुगलों ने भारत को लूटा भी, तो वे अपनी दौलत ले कर कहीं नहीं गए. मुग़लों ने बांध बनवाए, नहरें बनवाईं, सड़कें, सराय, बावड़ी, लालकिला, ताजमहल आदि. ये सब उसी दौलत से ही बनवाईं. सवाल यह है कि मुग़लों को किस ने लूटा? 1739 में ईरान के राजा नादिर शाह ने दिल्ली पर हमला किया और उस ने मुगलों के खजाने को लूटा और सब से अहम बात यह है कि उस ने मुगल सत्ता की शान तख्त ए ताऊस को भी लूट लिया और अपने साथ ले कर ईरान चला गया.

 

तख्त ए ताऊस मुगलों का राज सिंघासन था जिसे मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था. तख्त ए ताऊस पूरी तरह सोने से बना सिंघासन था. इस सिंघासन को बनाने में लगभग 1,150 किलोग्राम सोने का इस्तेमाल हुआ था. उस पर हीरे-जवाहरात जड़े थे. उस सिंघासन के ऊपर 2 मोर बने थे. अरबी में ताऊस का अर्थ मोर होता है, इसलिए उस सिंघासन का नाम तख्त ए ताऊस पड़ा. इसे हिंदी में मयूर सिंघासन कहा जाता है. विदेशी यात्री टैवर्नियर, जो एक फ्रांसीसी व्यापारी था, ने इस बात का जिक्र किया है कि तख्त ए ताऊस में लगभग 80 से 90 कैरेट का एक कोहिनूर हीरा भी था.

 

तख्त ए ताऊस के बारे में जानकारी देते हुए शाहजहां के दरबारी इतिहासकार अब्दुल हमीद लाहौरी लिखते हैं कि सिंघासन लगभग 6 फुट लंबा और 4 फुट चौड़ा है. यह लगभग 26 इंच ऊंचे व 4 फुट के खंभों पर टिका है. ये खंभे सोने के बने हैं जिन पर रूबी, पन्ना और हीरे जड़े हैं. सिंघासन के किनारे पर मोतियों से सजावट की गई है. छत पर भी बेहतरीन कारीगरी की गई है. उस में मीनाकारी की गई है जो इस की खूबसूरती को चारचांद लगाती है. सिंघासन के ऊपरी हिस्से में 2 नाचते मोर की मूर्तियां हैं जिन पर हीरे और दूसरे गहने जड़े थे. हर मोर की पूंछ फैली हुई है जो नीलम, पन्ना और दूसरे कीमती पत्थरों से बनी है.

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