दिल्ली के आत्माराम सनातन धर्म कालेज की आर्ट्स की स्टूडैंट आयुषी भाटिया ने पिछले एक साल में 7 रेप केसेस अलगअलग पुलिस स्टेशनों में दर्ज कराए लेकिन ये सारे फौल्स रेप केसेस थे. सख्ती करने पर पुलिस के सामने आयुशी ने स्वीकार किया कि वह लड़कों पर रेप के झूठे आरोप लगा कर उन से जबरन पैसे वसूलती थी.
उस ने बताया कि कैसे वह जिम, इंस्टा, औनलाइन डेटिंग ऐप पर 20 से 22 साल के लड़कों से दोस्ती करती और फिर उन से मिलती थी. लड़के के साथ फिजिकल रिलेशनशिप और किसी के साथ प्यार के वादे के बाद वह उस पर रेप का आरोप लगा दिया करती थी. सब से अजीब बात तो यह कि उस ने एक साल में 7 झूठे रेप केसेस पुलिस स्टेशनों में दर्ज कराए.
वहीं मेरठ की एक महिला ने सरकारी अस्पताल से फर्जी मैडिकल सर्टिफिकेट बनवा कर अपने पति के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाया. महिला की बातों में आ कर पुलिस ने उस के पति को गिरफ्तार भी कर लिया लेकिन बाद में इस मामले की जांच में पता चला कि महिला का किसी गैरमर्द से नाजायज संबंध था और जिस के लिए पति उसे मना करता था. अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए महिला ने यह योजना बनाई और पति को झूठे केस में फंसा कर उसे जेल करवा दिया.
बलात्कार एक घिनौना अपराध तो है ही लेकिन उस से भी ज्यादा घिनौना अपराध यह है कि एक निर्दोष व्यक्ति पर बलात्कारी होने का ठप्पा लग जाना. क्योंकि यहां पर एक निर्दोष व्यक्ति की मानप्रतिष्ठा दांव पर लग जाती है, साथ में, उस की जिंदगी भी नर्क बन जाती है.
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