प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि दुनियाभर में देखी जा रही है. अमेरिका और रूस के जंगलों में भयानक आग दहक रही है और पश्चिमी यूरोप के हिस्से विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित हैं. इन में अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. स्विट्जरलैंड, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड्स ने भी भारी बारिश की मार ?ोली है. मध्य चीन के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश के कारण भयंकर बाढ़ आई हुई है. हेनान प्रांत में अभूतपूर्व बारिश से हालात बिगड़ गए हैं. हेनान की राजधानी ?ोंग?ाउ में बाढ़ के कारण 60 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं. यह चीन में 1,000 वर्षों में हुई अब तक की सब से भारी बारिश है.

इटली, रोमानिया जैसे देशों में आबादी को भंयकर गरमी की मार पड़ रही है. कनाडा जैसा ठंडा क्षेत्र गरमी की मार ?ोल रहा है. पिछले वर्ष यूरोप में गरमी से करीब एक लाख 40 हजार लोग प्रभावित हुए थे. आने वाले वक्त में परिस्थितियां और भी ज्यादा बुरी होंगी. बीते साल अमेरिका में कैलिफोर्निया के जंगल आग की ऊंचीऊंची लपटों में घिरे रहे. आग तब भड़की जब पश्चिम में तापमान अत्यधिक बढ़ गया. आजकल अमेरिकी राज्य ओरेगन के जंगलों में आग लगी हुई है. इसे देश की सब से भयावह आग बताया जा रहा है. इस आग की चपेट में जंगल की 3 लाख एकड़ जमीन आ चुकी है.

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अमेरिका के अलगअलग 13 राज्यों में 80 जगहों पर आग लगी है. हीटवेव और तेज हवाओं के कारण लगी आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है जो स्थिति को खतरनाक बनाता जा रहा है. आस्ट्रेलिया के लिए जंगलों में भी आग लगना कोई नई बात नहीं है. बढ़ते तापमान और सूखे की वजह से आस्ट्रेलिया के अलगअलग हिस्सों के जंगलों में कई बार आग भड़क चुकी है. बीते साल करीब 5 महीने तक जलती रही आग में 50 करोड़ से ज्यादा जानवरों की मौत हुई है. आग कितनी भयावह थी इस का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस आग से एक लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जल कर राख हो गया. वहीं, जरमनी के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं और वहां 160 से ज्यादा लोग अब तक बाढ़ के कारण जान गंवा चुके हैं. सौ से ज्यादा लोग लापता हैं.

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