कट्टरपंथ की जहरीली हवा में जी रहा पाकिस्तान विश्व का सब से बड़ा खतरा और खतरनाक आतंकी देश बन गया है. पहले से ही दिवालिया होने के कगार पर खड़ा पाकिस्तान के लिए यह एक करारा झटका है.
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
एसएफजी द्वारा मानवता पर जोखिम, वैश्विक आतंक संकेतक यानी जीटीटीआई को ले कर एक रिपोर्ट जारी की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को सीरिया से भी अधिक खतरनाक देश बताया गया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान आतंक का घर, आतंकवाद का समर्थक और आतंकवाद फैलाने वाला देश है, जो सीरिया से 3 गुणा ज्यादा खतरनाक देश है.
विश्व के लिए बड़ा खतरा
रिपोर्ट में माना गया है कि अंतराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सब से बड़ा खतरा बना पाकिस्तान आतंकवादियों का सब से बड़ा पनाहगाह देश है और तालिबान, लश्कर ए तैयबा जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों ने पूरे विश्व में मानवता के खिलाफ काम किया है.
पाकिस्तान को खतरनाक आतंकी अड्डों व आतंकवादियों के लिए सुरक्षित देशों की सूची में भी रखा गया है.
आतंकवादियों का पनाहगार
रिपोर्ट के अनुसार, “यदि हम तथ्यों और आंकड़ों के लिहाज से सब से खतरनाक आतंकवादी समूहों को देखें तो पाकिस्तान उन में से अधिकतर आतंकी संगठनों का या तो मेजबान है या फिर उन की सहायता करता है. अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों की बड़ी संख्या पाकिस्तान के समर्थन से संचालित होती है.”
रिपोर्ट में पाकिस्तान, सीरिया, अफगानिस्तान, यमन जैसे देशों से जुड़ी खतरनाक आतंकी संगठनों की सूची भी जारी की गई है. इस में कहा गया है कि अकेले पाकिस्तान में सब से अधिक आतंकी संगठन है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी
इस से पहले 26 अक्तूबर को अफगानिस्तान के उप रक्षा मंत्री हिलालुद्दीन हेलल ने बीजिंग जियांगशान फोरम में यह कह कर सब को चौंका दिया था कि अफगानिस्तान में 21 आतंकवादी संगठनों के 50,000 आतंकवादियों में 70 फीसदी पाकिस्तान के हैं.
भारत भी शुरू से ही यह कहता रहा है कि कश्मीर सहित देश के कई हिस्सों के आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों का हाथ होता है.
पहचान खो चुका है पाकिस्तान
कुदरती रूप से खूबसूरत पर आतंकवाद की वजह से बदसूरत देश बन चुका पाकिस्तान आज बदहाली में जी रहा है. वहां की सरकार सेना के हाथों की कठपुतली है और सेना के इशारे पर काम करती है. जिस किसी ने कभी सेना के खिलाफ जा कर काम किया तुरंत तख्तापलट कर दिया गया और उस पर देशद्रोह का मुकदमा लगा कर उसे फांसी की सजा दे दी गई.
पाकिस्तान में दिनदाहाडे गोलियां चलना, खुलेआम हथियार ले कर घूमना आम बात है. देश धार्मिक कट्टरता में जी रहा है और देश की आर्थिक स्थिति दिवालियापन होने के कगार पर है.
इमरान सरकार से भी कोई उम्मीद नहीं
हाल ही में निर्वाचित नई सरकार इमरान खान के नेतृत्व में कट्टरपंथ को रोकने और देश की तरक्की में सहायक होगी, ऐसा लगता नहीं. क्रिकेटर से नेता और प्रधानमंत्री की कुरसी तक जा पहुंचे इमरान खान को चुनाव में आतंकी संगठनों और सेना का समर्थन हासिल था. ऐसे में वे आतंकी संगठनों पर लगाम लगाएंगे ऐसा संभव नहीं.
पाकिस्तान की हालत भस्मासुर जैसी है. कभी आतंक को बढावा देने वाला पाकिस्तान आज खुद भी आतंकवाद से ग्रस्त है. देश भूख, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंक से जूझ रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने के कगार पर है.
बंदूकों के साए में रहने वाला पाकिस्तान तब तक विकास नहीं कर सकता जब तक वहां धार्मिक कट्टरता, आतंकवाद पूरी तरह खत्म न हो जाए. पर जहां सियासत ही धार्मिक कट्टरता के इशारों पर काम करे, वह देश कभी तरक्की कर सकता है भला?