कहने को तो जेनिफर सीबल न्यूसम की पहचान के लिए उनका अमेरिकी डौक्यूमेंट्री फिल्मकार, लेखक, वीमेंस राइट एक्टिविस्ट होना काफी है. इसके बावजूद उन पर ट्रौफी वाइफ होने का टैग लगा है. यह बात खुद जेनिफर स्वीकारती हैं कि अलग अलग फील्ड में कामयाब होने और अहम योगदान देने के बावजूद उन्हें जब कैलीफोर्निया के लेफ्टीनेट गवर्नर गेविन न्यूसम की बीवी के नाम से जाना जाता है तो वे खुद को ट्रौफी वाइफ जैसा फील करती हैं. हालांकि वे इस टैग को छुड़ाने के लिए भरसक प्रयास कर रही हैं और शायद आने वाले दिनों में कैलीफोर्निया की फर्स्ट लेडी बन जाएं. पर इस पूरी कवायद में उनके बयान ने दुनिया भर में ट्रौफी वाइफ के तमगे को चर्चा में ला दिया है. यों तो ट्रौफी हस्बैंड भी होते हैं लेकिन यह टर्म ज्यादातर महिलाओं के लिए इस्तेमाल होती है.

क्या होता है ट्रौफी वाइफ होना

पुराने जमाने में राजामहाराजाओं के महलों की दीवारों पर अलग-अलग जानवरों की खालें, उनके सींग व अन्य हिस्सों की नुमाइश होती थी. वे एक तरह से शिकार करने के बाद की ट्रोफियां होती थीं, जिनको लेकर राजा अपनी बहादुरी और शिकार के कसीदे पढ़ा करते थे. अब शिकार तो लीगल रहा नहीं लेकिन राजाओं की जगह ले चुके अमीर तबके अपने घर में सजाने या दिखाने के लिए ऐसी औरतों से शादी करते हैं जो उनसे उम्र व खूबसूरती में बहुत आगे हों. उसे अपने प्रभाव से घर पर लाकर वे उन्हें एक तरह से ट्रौफी वाइफ बना देते हैं. फिर उसकी खूबसूरती के जरिये समाज, परिवार और दोस्तों के बीच अपना ईगो बूस्ट कर सोशल स्टेटस में इजाफा करते हैं. फिर उस चमचमाती ट्रौफी को घर लाकर किसी कोने पर सजा दिया जाता है और कभी-कभार लोगों को अपनी शान बघारने के लिए उनका जिक्र होता है. ऐसे लोगों को अपनी पत्नी के विचारों और सोच से कोई खास लेनादेना नहीं होता.

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