कहते हैं-" देर आयद दुरुस्त आयद" यह कहावत आज भारतीय ओलंपिक संघ पर सच्चे मायने में सिद्ध हुई है. खेल एवं खेल संघों के इतिहास में यह पहली बार होने जा रहा है जब एक महिला खिलाड़ी जिसने देश का नाम दुनिया भर में रोशन किया है, पीटी उषा जो एक कहावत बन गई है भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष बनने जा रही है. यह इस मायने में और भी महत्वपूर्ण है कि जब एक खिलाड़ी जिसने दुनिया में अपने नाम का खेल का परचम लहराया है अगर वह भारतीय ओलंपिक संघ जैसे सम्मानित संघ की अध्यक्ष बनेंगी तो निश्चित रूप से खेल और खिलाड़ियों को एक नए आकाश का आगाज मिलेगा.
पाठकों को आज हम उन परिस्थितियों से अवगत करा दें जिससे गुजर कर कोई एक महिला खिलाड़ी ओलंपिक संघ जैसे महत्वपूर्ण संस्थान संघ की अध्यक्ष बनने जा रही है.
दरअसल, यह सच है कि उड़नपरी नाम से सुप्रसिद्ध पीटी उषा भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) का अध्यक्ष बनना लगभग तय है. आगामी 10 दिसंबर को होने वाले चुनावों में शीर्ष पद के लिए वे अकेली उम्मीदवार बनकर सामने आई हैं. इसलिए यह लगभग आता है कि वे आइओए की पहली महिला अध्यक्ष होंगी.
कई एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता 58 वर्ष की पी टी उषा 1984 के ओलंपिक 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में चौथे स्थान पर रही थीं. उन्होंने रविवार को शीर्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
उनके साथ उनकी टीम के 14 अन्य लोगों ने विभिन्न पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया. आइओए चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा रविवार को समाप्त हो गई.