खबर मिलते ही मंडावर थानाप्रभारी मुरलीधर नागर ने जिप्सी का रुख बाघेर घाटी की तरफ मोड़ दिया. उस वक्त मंगलवार 30 अक्तूबर, 2018 की रात के ढाई बजे थे. नागर उस समय रात्रि गश्त पर थे. जब वह मेगा हाइवे से गुजर रहे थे, उन्हें हेडकांस्टेबल सुरेश कुमार के जरिए सूचना मिली थी कि चूनाभाटी के पास किसी महिला का शव पड़ा हुआ है.

चूनाभाटी बाघेर घाटी की तलहटी वाला तकरीबन वीरान इलाका था. उन्हें चूनाभाटी पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगा. जिप्सी की हैडलाइट में ही उन्हें सड़क किनारे पड़ा हुआ महिला का शव दिखाई दे गया. शव पूरी तरह खून से सना हुआ था.

वीराने में पड़े उस शव का नागर ने बड़ी बारीकी से निरीक्षण किया. महिला 35-40 की उम्र की थी. लगता था कि उस का गला किसी धारदार चाकू से रेता गया था. पेट और सीने पर भी ताबड़तोड़ वार किए गए थे. शव से अभी भी खून रिस रहा था. लग रहा था कि उस की हत्या को ज्यादा समय नहीं हुआ था. वहां पास की झाडि़यों में खून से सना चाकू भी पड़ा था.

थानाप्रभारी मुरलीधर नागर ने करीब की बस्ती के लोगों को रात में ही जगा कर शव की शिनाख्त कराने की कोशिश की लेकिन इस काररवाई का कोई नतीजा नहीं निकला. थानाप्रभारी ने गश्ती दल के सिपाहियों को आसपास के इलाके में देखने को कहा, तो बाघेर घाटी में ही करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर एक लाल रंग की कार दुर्घटनाग्रस्त हालत में पाई गई.

सिपाहियों की सूचना पर थानाप्रभारी नागर कार के पास गए. उन्होंने कार की तलाशी ली तो उस में एक महिला का आधार कार्ड मिला. आधार कार्ड सूरत के शगुन विला अपार्टमेंट, वीआईपी रोड निवासी 38 वर्षीय रचना जयराज मोदी का था.

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