नीरज नारंग जिस समय दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी राम गोपाल नाइक के औफिस में पहुंचे तो उन के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं. क्योंकि वह यह नहीं समझ पा रहे थे कि उन के साथ जो हुआ था, उसे डीसीपी को किस तरह बताएं. औफिस में घुसने के बाद उन्होंने जैसे ही डीसीपी का अभिवादन किया तो डीसीपी ने उन्हें सामने पड़ी चेयर पर बैठने का इशारा किया. नीरज नारंग की तरफ देखने के बाद डीसीपी ने उन से पूछा, ‘‘क्या बात है, आप बड़े परेशान लग रहे हो. बताओ क्या समस्या है.’’

‘‘सर, मैं अपनी गलती के कारण कुछ बदमाशों के चक्कर में फंस गया हूं. मुझे उन से बचा लीजिए. वो लोग मुझे ब्लैकमेल कर के मुझ से 3 लाख रुपए ऐंठ चुके हैं और साढ़े 4 लाख रुपए के पोस्ट डेटेड चेक ले चुके हैं. अब वो मुझ से फिर एक बड़ी रकम की डिमांड कर रहे हैं. सर, इस तरह से तो मैं बरबाद हो जाऊंगा.’’ नीरज नारंग ने बताया.

‘‘कौन हैं वो लोग. आप घटना विस्तार से बताइए.’’ डीसीपी ने उन से कहा.

इस के बाद नीरज नारंग ने उन्हें एक लिखित शिकायत देते हुए अपने साथ घटी घटना बता दी. उसे सुन कर डीसीपी राम गोपाल नाइक को मामला गंभीर लगा. उन्होंने इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की शाखा शकरपुर के इंसपेक्टर विनय त्यागी को सौंप दी और उन्होंने पीडि़त नीरज नारंग को शकरपुर क्राइम ब्रांच औफिस भेज दिया. यह बात 19 सितंबर, 2018 की है.

नीरज नारंग क्राइम ब्रांच इंसपेक्टर विनय त्यागी के औफिस पहुंच गए. उन्होंने उन्हें अपने साथ घटी जो कहानी बताई वह इस प्रकार थी.

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