दिल्ली में शनिवार, 27 जून से 10 जुलाई तक सीरोलाजिकल सर्वे किया जा रहा है. इस सर्वे के दौरान करीब 20,000 लोगों का सैंपल टेस्ट किया जाएगा. साथ ही, कन्टेनमेंट जोन के बाहर उन घरों की सूची लगाई जाएगी जहां कोरोना का खतरा है, ताकि लोग सावधान रहें. इसके अलावा कोंटेक्ट ट्रेसिंग और क्वारेंटीन पर भी जोर दिया जाएगा.

यह सर्वे दिल्ली के सभी 11 जिलों में किया जा रहा है. शनिवार से शुरू हुए इस सर्वे में यह जानने की कोशिश की जाएगी कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण का कितना इम्पैक्ट है.

इस सर्वे की खासियत क्या है?

सीरोलाजिकल सर्वे में ब्लड सैंपल इकठ्ठे करके लिया जाएगा. इकठ्ठा किये गए सैंपल से पता चलेगा कि सख्स कोरोना से संक्रमित है या नहीं या वह किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में टू नहीं आया. साथ इस सर्वे का इस्तेमाल यह पता करने में भी किया जाएगा कि व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पहले था या नहीं. इस सर्वे में वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी की पहचान भी की जाएगी. जाहिर है दिल्ली में कोरोना संक्रमण किस स्तर तक फ़ैल चुका है उसके लिए, लगभग 20,000 घरों को कवर किया जाएगा. सर्वे करने और घर चुनने का आधार रैंडम होगा. जिसमें देखा जाएगा कि दिल्ली में कोरोना को लेकर अभी क्या स्थिति है.

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केंद्र और राज्य सरकार साथ में स्थिति संभालेगी

राजधानी दिल्ली में राजनीति को लेकर उठा पटक चलती रहती है. केंद्र और राज्य सरकार एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाती रहती है. लेकिन राजधानी दिल्ली की इस समय खराब स्थिति को देखते हुए, दोनों साथ में मिलकर इस कार्यवाही को पूरा करेंगे. सेरोलोगिकल सर्वे को लेकर गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट में इसकी जानकारी दी, जिसमें कहा “दिल्ली में सर्वेक्षण का काम 27 जून से शुरू होगा. सभी सम्बंधित टीमों की ट्रेनिंग का काम कल से होगा.”

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