स्वदेशी के नाम पर दुनियाभर के उत्पादों से बाजार को पाटने और उन पर ताबड़तोड़ कमाई करने वाले बाबा रामदेव और उन के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण कोरोना काल में भी कमाई का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं. जहां दुनियाभर के डाक्टर, वैज्ञानिक कोरोना का तोड़ नहीं ढूंढ पा रहे हैं, वहीं कुछ दिनों के अंदर ही बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने कोरोना की दवा बना कर सौ कोरोना रोगियों पर इस के सफल प्रयोग का दावा ठोंका है.

बाबा ने क्या सोचा था कि सरदार खुश होगा, शाबाशी देगा, मगर हो गया सब उलटापुलटा. सरकार ने पहले तो दवा के विज्ञापन पर रोक लगाई और अब रामदेव एंड कंपनी पर नोटिस ठोंक दिया है.

दरअसल, पतंजलि को सर्दीखांसी और इम्युनिटी बढ़ाने की दवा बनाने का लाइसेंस जारी किया गया था, लेकिन अतिउत्साह में रहने वाले बाबा रामदेव ने इस लाइसेंस पर कोरोना की दवा बना डाली और सौ लोगों पर ट्रायल भी कर डाला.

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इस के उपलक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने खुद मीडिया को बताया कि उन की दवा की क्लीनिकल जांच की गई है. बाबा ने दावा किया था कि क्लिनिकल टैस्ट में दवा से 100 फीसदी सफल परिणाम सामने आया है.

हालांकि, लौंच होने के बाद से ही पतंजलि की दवा ‘कोरोनिल‘ विवादों में है. हैरान करने वाली बात है कि कंपनी को सर्दीजुकाम और खांसी की दवा बनाने का लाइसेंस मिला था और उस ने इस लाइसेंस के जरीए बनी दवा को कोरोना के नाम पर लौंच कर दिया.

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