China Condom Tax: चीन ने 30 साल बाद कंडोम और गर्भनिरोधक दवाओं पर वैल्यू एडेड टैक्स यानी वीएटी लगाने का फैसला किया है. दुनिया के दूसरे देश कंडोम को टैक्सफ्री रखते हैं जिस से एड्स जैसी गंभीर बीमारियों को रोका जा सके वहीं चीन ने कंडोम पर टैक्स लगा दिया है. इस के पीछे कारण यह है कि चीन अपने देश के घटते बर्थ रेट से परेशान है. चीन लगातार बूढ़ों का देश बनता जा रहा है. पहले चीन ने लोगों को कम बच्चा पैदा करने पर जोर दिया, अब युवा खुद ही बच्चे पैदा करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे. चीन को लगता है कि इस समस्या की तह में कंडोम का सस्ता होना भी एक बड़ी भूमिका है, इसलिए उस ने कंडोम पर टैक्स लगा दिया.

 

चीन में सोशल मीडिया के प्लेटफौर्म्स पर बहस छिड़ी है कि इस से असुरक्षित सैक्स बढ़ेगा जिस से एचआईवी जैसी बीमारियां फैलेंगी. वहीं कुछ यूजर्स कहते हैं, ‘अगर कंडोम नहीं खरीद सकते, तो बच्चा कैसे पालेंगे?’

 

जन्मदर बढ़ाने के लिए चीन कई नीतियां लागू कर चुका है. पेरैंट्स को कैश देने से ले कर चाइल्ड केयर और लंबी छुट्टियों की भी घोषणा की गई है. सरकार ने तो उन अबौर्शन को कम करने की गाइडलाइन भी जारी की जो डाक्टर की नजर में जरूरी नहीं है.

 

चीन की आबादी 3 वर्षों से लगातार सिकुड़ रही है. 2024 में केवल 9.54 मिलियन बच्चे पैदा हुए जो 2016 से आधे से भी कम हैं. इस से कामगारों की कमी हो रही है और बुजुर्ग आबादी का बोझ बढ़ रहा है. 1993 में, जब एक-बच्चा नीति सख्ती से लागू की गई थी तो कंडोम को टैक्स से छूट दी गई थी ताकि जनसंख्या नियंत्रण को बढ़ावा मिले. अब, सरकार जन्मदर बढ़ाने के लिए हर कदम उठाने को तैयार है. टैक्स लगा कर कंडोम की कीमत बढ़ाना भी जन्मदर को सुधारने का एक तरीका है. लेकिन महंगे कंडोम से जन्मदर नहीं बढ़ेगी क्योंकि चीन में 18 साल तक बच्चा पालने की लागत 76 हजार डौलर से ज्यादा है. चीन को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. China Condom Tax.

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