पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले के दरबान इलाके में 12 दिसंबर की सुबह हुए आत्मघाती हमले में सुरक्षाबलों के 23 जवानों की मौत हो गई. जिस थाने पर हमला हुआ उस के अगले हिस्से में पुलिस तैनात रहती है जबकि पीछे के कमरों में सुरक्षा बल के जवान रहते हैं.

पिछले कुछ महीनों से थाने में सेना के जवानों की तैनाती थी. आतंकवादियों ने चौकी में घुसने के लिए विस्फोटकों से भरी गाड़ी को इमारत की दीवार से टकरा दिया. इस भयानक धमाके से इमारत ढह गई और चौकी में मौजूद जवानों में से 23 जवानों की मौत हो गई, जबकि जवाबी कार्रवाई में सभी 6 आतंकवादी भी मारे गए. जिस पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया है, वह अफगानिस्तान की सीमा से सटा हुआ है.

इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी तालिबान ग्रुप के तहरीक-ए-जिहाद ने ली है. जो कुछ समय पहले ही अस्तित्व में आया है. कहा जा रहा है कि तहरीक-ए-जिहाद आतंकवादियों के मुख्य समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़ा हुआ है.

बीते सालों में इस आतंकी संगठन ने कई हमलों को अंजाम दिया है. इस से पहले इसी संगठन ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के मुस्लिम बाग इलाके में एफसी कैंप पर हमले की जिम्मेदारी ली थी. पाकिस्तान में अब तक 6 ऐसे हमले हो चुके हैं जिन की जिम्मेदारी इस संगठन ने ली है.

जिस वक्त ये हमला हुआ उस वक्त लोग सो रहे थे. तेज गोलीबारी की आवाजों से स्थानीय लोग दहशत में आ गए. किसी की समझ में नहीं आया कि अचानक क्या हुआ. गोलीबारी का सिलसिला सूरज उगने तक जारी रहा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...