बहुत अच्छा, शाबाश, परफेक्ट, इसी तरह अपनी कोशिश जारी रखो... बेहद मामूली लगने वाले तारीफ के इन शब्दों में ऐसी जादुई शक्ति होती है कि ये पल भर में दूसरों का हौसला बढा सकते हैं. फिर भी अकसर लोग दूसरों की तारीफ करने में बहुत कंजूसी बरतते हैं. प्रशंसा किसी भी व्यक्ति के मन-मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालती है. इससे उसके मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वह सामने आने वाली हर चुनौती का सामना बहुत आसानी से कर लेता है. जीवन के सभी रिश्तों में मधुरता बनाए रखने के लिए भी दूसरों की तारीफ करना बहुत जरूरी है.

दांपत्य जीवन में मधुरता

अपनी तारीफ सुनकर खुश होना एक सहज मानवीय प्रवृत्ति है. इतना ही नहीं, इससे प्रशंसा करने वाले के प्रति हमारे मन में प्यार और सम्मान की भावना पैदा होती है. मिसाल के तौर पर हर घर में पत्नी रोज खाना बनाती है और पति को ऐसा लगता है कि इसमें कौन सी बडी बात है? वह तो अपनी जिम्मेदारी निभा रही है, लेकिन ऐसा सोचना गलत है. जिस तरह सब्जी में नमक तेज होने पर आपका मूड ऑफ होता है, उसी तरह जब कभी पत्नी स्वादिष्ट खाना बनाए तो आपको तहेदिल से उसकी तारीफ करनी चाहिए. यही बात पत्नियों पर भी समान रूप से लागू होती है. अगर पति-पत्नी एक-दूसरे की सच्ची प्रशंसा करें तो इससे उनके आपसी रिश्ते में प्यार बना रहता है.

परवरिश का पहला उसूल

पेरेंटिंग का पहला नियम यही है कि बच्चों के हर सार्थक प्रयास की प्रशंसा जरूर करनी चाहिए. इससे वे अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं. खास तौर पर अगर दूसरों के सामने बच्चों की प्रशंसा की जाए तो इससे उनका आत्मविश्वास बढता है. प्रशंसा के दो शब्द एनर्जी बूस्टर की तरह काम करते हैं. अगर आप बच्चों के हर अच्छे कार्य के लिए शाबाशी देंगे तो वे जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए प्रेरित होंगे और बेहतर ढंग से सीखने का प्रयास करेंगे. इसी तरह अगर उनकी टीचर शाबाशी से बच्चों का मनोबल बढाती हैं तो पेरेंट्स-टीचर मीटिंग में आप उन्हें धन्यवाद देना न भूलें. तारीफ के साथ बच्चे को उसकी गलती का एहसास दिलाना भी बहुत जरूरी है, ताकि उसके व्यक्तित्व का विकास सही ढंग से संभव हो.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...