पिछले वर्ष कुछ शहरों और महानगरों में कराए गए एक शोध के मुताबिक सेक्सुअल असंतुष्टि, नपुंसकता या संतानहीनता के कारण भारत में लगभग 30 फीसदी शादियां टूट रही हैं. सेक्स को हमेशा से टैबू माना जाता रहा है, जबकि यह रिसर्च इस बात को खारिज करती है. तो क्या यह समझा जाए कि भारत में सेक्सुअल क्रांति आ रही है? फिलहाल ऐसा तो नहीं लगता, फिर भी धीरे-धीरे लोग अपनी सेक्सुअल फीलिंग्स को लेकर जागरूक हो रहे हैं. सेक्सुअल नीड्स को नजरअंदाज करने का असर रिश्ते पर अच्छा नहीं पडता. कई बार तो इससे शादियां टूटने के कगार पर पहुंच जाती हैं या टूट भी जाती हैं. इसका कारण यह है कि बेडरूम्स की समस्याएं केवल वहीं तक सीमित नहीं रहतीं, वे जीवन के अन्य पहलुओं को भी प्रभावित करती हैं. दूसरी ओर रिश्तों में समस्याएं एक दिन में नहीं पैदा होतीं, इसके संकेत पहले से मिलने लगते हैं. इन संकेतों को पहचानना और समय रहते अपने रिश्ते को संवार लेना ही समझदारी है. जानें किन वजहों से सेक्स लाइफ प्रभावित हो सकती है.
एक का कंट्रोल
वैवाहिक जिंदगी में सेक्स की अहमियत पर हर दंपती का अलग-अलग मत है और पार्टनर्स ही तय कर सकते हैं कि उनके बीच कब, कहां और कितनी बार सेक्स संबंध बनेंगे. जरूरी यह है कि दोनों को इस संबंध से खुशी मिले और दोनों का इस पर समान कंट्रोल हो. अगर एक व्यक्ति ही यह तय करेगा कि संबंध बनेंगे या नहीं या कब और कैसे बनेंगे तो निश्चित रूप से दूसरे पार्टनर में असंतुष्टि, गुस्सा या निराशा का भाव पनपेगा.
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