सवाल

हम लोग काफी अमीर थे लेकिन पापा को बिजनैस में बहुत घाटा हुआ. ऊपर से कोविड के बाद से हमारी आर्थिक स्थिति काफी डांवांडोल हो गई. मेरे पापा तब से डिप्रैशन में आ गए हैं. मम्मी और मैं उन्हें समझा समझा कर हार गए हैं लेकिन निराशा उन के दिमाग में ऐसी घर कर गई है कि बाहर ही नहीं निकलती. मैं अपने पेरैंट्स की इकलौती संतान हूं. हमारे सारे रिलेटिव कोई मदद के लिए आगे नहीं आते. कई बार तो मुझे लगता है कि उन्हें हमारी यह हालत देख कर मजा आता है क्योंकि पहले वे सारे हमारी संपन्नता देख कर जलते थे.

जवाब

जीवन में उतारचढ़ाव तो आते ही हैं. उन्हें स्वीकार कर लेंगे तो उस से उबरने में मदद मिलती है. आप के पापा ने पूरी तरह से हार मान ली है, इस कारण डिप्रैशन में भी आ गए हैं.

आप और मम्मी दोनों को उन्हें हर हाल में सम?ाना होगा कि बिजनैस तो बनतेबिगड़ते रहते हैं. उन्हें फिर से ऊपर उठाना है. उन्हें विश्वास दिलाएं कि आप उन के साथ हैं. स्थितियां बदल चुकी हैं, फिर से बिजनैस को जमाने की कोशिश करें. रिश्तेदार नहीं तो यारदोस्तों से मदद लेने की कोशिश करें. एकदूसरे का सहारा बनें. हालात बदलते देर नहीं लगती. हिम्मत मत हारिए.

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