सवाल
मैं 27 वर्षीय विवाहिता के 7 वर्षीय बेटे की मां हूं. मेरे पति व्यवसायी हैं. हमारा काफी संपन्न और संयुक्त परिवार है. परेशानी यह है कि शाम को पति, मेरे जेठ और ससुर इकट्ठे बैठ कर शराब पीते हैं. पति को हर तरह से समझा चुकी हूं कि बच्चा बड़ा हो रहा है, उस के सामने सरेआम शराब पीना ठीक नहीं है. पति नहीं समझ रहे. मैं ने अपने भाई से अपनी चिंता व्यक्त की तो उस का कहना है कि मुझे बेटे को बोर्डिंग में भेज देना चाहिए, क्योंकि घर में पढ़नेलिखने का माहौल नहीं है. पति से पूछा तो उन्हें कोई एतराज नहीं है. पर मैं डरती हूं कि अकेला रह कर बच्चा कहीं निर्मोही न हो जाए. बताएं कि मेरी चिंता वाजिब है या नहीं?
जवाब
यदि आप को लगता है कि बच्चे को पढ़ाई के लिए घर में अनुकूल माहौल नहीं मिल रहा तो आप उसे बोर्डिंग में भेज सकती हैं, वहां अनुशासित और स्वस्थ माहौल मिलेगा. बीचबीच में आप लोग बच्चे से मिलने जाते रहेंगे और वह भी छुट्टियों में आप के पास आ सकता है, इसलिए आप लोगों के लिए उस का प्यार कम नहीं होगा. आप को जरूर शुरूशुरू में बच्चे के लिए उदासी हो सकती है पर उस की बेहतरी के लिए आप को अपने मन को कड़ा करना ही होगा.
ये भी पढ़ें...
शराब है खराब
संजय को शराब पीने की लत उस समय लगी जब वह 10वीं में पढ़ रहा था और बोर्ड की परीक्षा में कम अंक आने की वजह से उस ने अपने जैसे कुछ दोस्तों के साथ टैंशन कम करने के लिए पहली बार बियर पी थी. इस के बाद वह धीरेधीरे इस का आदी होता चला गया. जिस के चलते वह इंटर की परीक्षा में दो बार फेल हुआ. जब इस बात की जानकारी संजय के पिता को हुई तो उन्होंने संजय की पढ़ाई बीच में ही छुड़वा कर उसे अपने कपड़े के व्यवसाय में सहयोग करने के लिए अपने साथ ही लगा लिया, लेकिन संजय अपनी शराब पीने की बुरी आदत के चलते पिता के व्यवसाय से होने वाली आमदनी से पैसे चुरा कर शराब पीने लगा था, जिस को ले कर अकसर संजय व उस के पिता में तूतू, मैंमैं होती रहती थी.