सवाल
मैं 53 साल की हूं और बैंक में औफिसर हूं. मुझ पर काम का काफी दबाव रहता है. शायद इसी कारण मेरा ब्लडप्रैशर थोड़ा बढ़ गया है. घर में बच्चे और पति मेरा मजाक उड़ाते हैं कि कहीं ऐसा होता है कि मौसम से ब्लडप्रैशर घटेबढ़े? मगर मैं तो भुक्तभोगी हूं. कृपया बताएं कि क्या  बदलते मौसम से ब्लडप्रैशर से किसी प्रकार का संबंध है या नहीं? यदि हां, तो उन दिनों ब्लडप्रैशर सामान्य रखने के लिए क्याक्या उपाय करने उपयोगी रहेंगे ताकि मैं अच्छा स्वास्थ्य बनाए रख सकूं?

जवाब
आप का शक बेबुनियाद नहीं है. बदलते मौसम में बहुत लोगों का ब्लडप्रैशर बढ़ जाता है. कई क्लिनिकल अध्ययनों में यह देखा गया है. यदि ब्लडप्रैशर बढ़ कर 140 अंक सिस्टोलिक और 90 अंक डायस्टोलिक के पार पहुंचने लगे तो डाक्टर से सलाह ले कर इसे नियंत्रण में लाने के लिए उचित कदम उठाना जरूरी हो जाता है.

ब्लडप्रैशर का बढ़ा रहना सेहत के लिए नुकसानदेह है. धमनियों पर अधिक दाब बने रहने से दिल, गुरदों, दिमाग और आंखों के परदों पर समय बीतने के साथ और कभीकभी यकायक भी बुरा असर पड़ सकता है.

ब्लडप्रैशर पर नियंत्रण पाने के लिए उपयुक्त दवाओं के साथसाथ जीवनशैली में भी कुछ सुधार लाने जरूरी होते हैं. संतुलित आहार, नमक का कम प्रयोग, नियमित व्यायाम और वजन पर नियंत्रण जरूरी है.

अगर सुबह उठने पर सिर के पिछले हिस्से में भारीपन महसूस हो, तो इसे ब्लडप्रैशर बढ़ा हुआ मानें. ब्लडप्रैशर जांच लें. अगर पाएं कि ब्लडप्रैशर बढ़ा हुआ है, तो तुरंत डाक्टर से सलाह लें. डाक्टर उसे काबू में लाने के लिए दवा की खुराक बढ़ाने की राय दे तो उस की बात टालें नहीं, बल्कि उस पर तुरंत अमल करें. कुछ मामलों में कोई एक नई दवा भी जोड़नी पड़ सकती है.

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