सवाल

मैं 38 वर्षीय गृहिणी हूं. शादी को 11 साल हो चुके हैं, एक बेटा है जिसकी उम्र 8 साल है . अभी तक हमारा वैवाहिक जीवन ठीक ठाक गुजर रहा था लेकिन पिछले 6-7 महीनों से बहुत परेशान और तनाव में हूं. क्योंकि मेरे पति का संबंध उनकी ही अकेली रह रही एक विधवा सहकर्मी  हैं . उसके पति ने 2 साल पहले आत्महत्या कर ली थी. जिसकी  असली वजह आजतक किसी को पता नहीं है लेकिन मैंने सुना है कि इसकी वजह पत्नी की चरित्रहीनता थी. उसके दूसरे पुरुष से संबंध थे .

मेरी समस्या यह है कि मेरे पति अब देर रात गए घर लौटते हैं और पूछने पर साफ साफ कह देते हैं कि उसी के पास था. इस बात को लेकर हम दोनों में आए दिन कलह होती रहती है. पति का स्पष्ट कहना है कि इससे मेरे अधिकारों पर कोई डाका नहीं पड़ रहा है और वे आज भी मुझे उतना ही चाहते हैं. जितना कि पहले चाहते थे लेकिन किसी भी कीमत पर उसके यहां आना जाना नहीं छोड़ सकते.

यह सुनकर मुझ पर क्या गुजरती है इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता.  मैं अपने पति को बहुत चाहती हूं और उन्हें खोना नहीं चाहती. क्या करूं कि उन्हें उस डायन से छुटकारा भी मिल जाये और हमारी बदनामी भी न हो. मुझे लगता है मेरे पति पूरी तरह उसके जाल में फंस गए हैं. कृपया सही रास्ता सुझाएं, मैं आपकी एहसानमंद रहूंगी क्योंकि अब मेरे मन में भी कभी कभी आत्महत्या का विचार आने लगा है पर बेटे का मुंह देखकर मन मसोस कर रह जाती हूं .

जवाब

आपकी समस्या वाकई बहुत गंभीर है लेकिन इतनी भी नहीं कि आप आत्महत्या की बात सोचने लगें. यह तो सरासर बुझदिली और परेशानी के सामने घुटने टेक देने वाली बात होगी. इसलिए यह खयाल तो दिलो दिमाग से निकाल ही दें. दरअसल मैं आपके तनाव की एक बड़ी वजह इस मामले में आपकी कुछ न कर पाने की बेबसी और पति का साफतौर पर यह मान लेना है कि वे उसे किसी भी कीमत पर छोड़ नहीं सकते.

आमतौर पर जवान और वे विधवाएं जिन पर कोई पारिवारिक और सामाजिक अंकुश नहीं होता उस पुरुष से अपनी शारीरिक और भावनात्मक जरूरतें पूरी करने उसका सहारा लेती हैं जो आसानी से उन्हें मिल जाता है. आपके शब्दों में कहें तो फंस जाता है. अगर वह पुरुष शादीशुदा हो तो परेशानी उसकी पत्नी को होती हो जैसे कि आप को हो रही है. बेहतर होगा कि आप धैर्य से काम लें और इस मसले पर अब पति से कलह बिलकुल न करें क्योंकि इससे बात बनने के बजाय और बिगड़ेगी.

यह भी ठीक है कि ऐसी हालत में आप पति से सहज नहीं रह सकती लेकिन अब आपको एक्टिंग इसी बात की करनी होगी कि आपको पति और उनकी विधवा सहेली का यह संबंध मंजूर है. धीरे धीरे मन मसोस कर ही सही उसमें दिलचस्पी लें और कभी कभार पति के साथ उसके यहां आना जाना भी शुरू करें या उसे अपने यहां इन्वाइट करें. इससे उन दोनों को परेशानी होगी जो आपके फायदे की बात होगी  मुमकिन है पति इस के लिए तैयार न हों क्योंकि उन्हें यह एहसास तो है कि वे गलत कर रहे हैं जो आपके साथ ज्यादती ही है.

एक रास्ता यह भी है कि अगर हो सकता हो तो अपने लेबल पर कोशिश कर पति का तबादला कहीं और करा लें लेकिन यह काम इस तरह करें कि किसी को कानोकान खबर न लगे. ऐसा भी न हो पाये तो चुपचाप कुढ़ते किलपते ही सही इस संबंध के खत्म होने का इंतजार करें क्योंकि इस तरह के सम्बन्धों की मियाद अक्सर ज्यादा नहीं होती. इस बात की चिंता बिलकुल न करें कि उसके लिए पति आपको छोड़ देंगे क्योंकि उन्हें भी इज्जत और परिवार की चिंता और डर होगा यही स्थिति उनकी सहेली की भी होगी. इस तरह के संबंध आमतौर पर शारीरिक जरूरत और आकर्षण वाले होते हैं इसलिए अपने आप में भी आकर्षण पैदा करें और कोशिश करें कि किसी भी बहाने से पति के साथ लंबे सैर सपाटे के लिए जाएं.

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