सवाल

मेरी सहेली की बेटी और मेरा बेटा एकदूसरे से शादी करना चाहते हैं. हुआ यों कि उन दोनों का कालेज एक था, जहां उन्हें एकदूसरे से प्यार हो गया. मुझे अपनी दोस्त की बेटी से कोई परेशानी नहीं है लेकिन पता नहीं क्यों इस शादी के लिए मेरा मन नहीं मान रहा. मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरी अपनी बहू को लेकर जो अपेक्षाएं हैं वे पूरी होंगी भी या नहीं. इस बारे में मैं ने अपनी सहेली से बात की तो वह मुझ पर भड़क उठी और अब उस ने रिश्ता ही तोड़ दिया है. बेटा भी मुझ से बात नहीं कर रहा, पति भी नहीं और सहेली भी नहीं. इस स्थिति से कैसे निकलूं?

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जवाब

देखिए, आप ने हंसतेखेलते बच्चों के जीवन को उथलपुथल तो किया ही है, साथ ही, अपनी दोस्त को भी पीड़ा पहुंचाई है. आप का यह डर कि बहू के तौर पर दोस्त की बेटी अपेक्षाएं पूरी नहीं कर पाएगी, निरर्थक है, क्योंकि आजकल कब कौन क्या कर जाए, पहले से अंदाजा लगाना लगभग नामुमकिन है. इस स्थिति में हो यह सकता है कि आप अपनी दोस्त से माफी मांगें और उसे बताएं कि आप ने जो कुछ भी कहा एक मां होने के नाते कहा, बिलकुल वैसे ही जैसे उन्होंने आप की बात एक सहेली के नाते नहीं, मां होने के नाते सुनी थी. अब गलती की है तो उस का एहसास करें और रिश्ते को फिर से जोड़ें अपने बच्चों की खातिर इतना तो आप कर ही सकती हैं.

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