Neurological Disorders : एक साल से उन की यह प्रौब्लम ज्यादा बढ़ गई है. वे चिड़चिड़ी हो गई हैं, बारबार एक ही प्रश्न पूछती हैं. सुबह की चाय, नाश्ता किया है या नहीं, दोपहर तक भूल जाती हैं. उन को पैंशन मिलती है, जिस को ले कर भाई से प्रश्न करती रहती हैं कि उन की पैंशन तुम लोग खर्च कर देते हो. उन्हें नहीं देते. जबकि वे पैसे ले कर कहीं भी रख कर भूल जाती हैं. इस वजह से घर का माहौल खराब हो रहा है. इस स्थिति से कैसे निबटें?

जवाब : आप की मां की स्थिति को समझाते हुए ऐसा लगता है कि उन्हें मैमोरी लौस (याददाश्त की समस्या) और संभवतया डिमैंशिया या अल्जाइमर जैसी कोई न्यूरोलौजिकल स्थिति हो सकती है.

सब से पहले, किसी न्यूरोलौजिस्ट या जेरियाट्रिक विशेषज्ञ (बुजुर्गों के डाक्टर) से मिलें. मैमोरी लौस के लिए टैस्ट करवाएं. टैस्ट से पता चलेगा कि समस्या क्या है.

आप की मां का चिड़चिड़ापन और शक करना उन की बीमारी का हिस्सा हो सकता है. वे जानबूझ कर ऐसा नहीं कर रही हैं. उन के साथ नरमी से बात करें, बारबार सवाल पूछने पर गुस्सा न करें. उदाहरण के लिए, अगर वे खाने के बारे में दोबारा पूछती हैं तो शांति से जवाब दें, ‘हां मां, आप ने खाना खा लिया है.’

एक निश्चित दिनचर्या उन की भूलने की आदत को कम कर सकती है. खाने, दवाओं और सोने का समय निश्चित करें.

पैंशन और पैसों को ले कर भ्रम से बचने के लिए आप या आप का भाई उन की फाइनैंशियल जिम्मेदारी लें. एक छोटा रजिस्टर बनाएं जिस में लिखें कि कितने पैसे दिए गए और कब. उन्हें दिखाएं कि ‘मां, यह देखो, ये पैसे आप को दिए थे.’ इस से उन का शक कम हो सकता है. चूंकि वे पैसे कहीं रख कर भूल जाती हैं, उन के लिए एक सुरक्षित जगह (जैसे लौक वाला डब्बा) बनाएं.

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