सवाल

प्रैग्नैंसी के दौरान सही डाइट का ध्यान कैसे रखूं?

जवाब

मैं शादीशुदा हूं और होटल सैक्टर से जुड़ी हूं, जहां प्रैजेंटेबल रहना जरूरी है. शादी के 5 साल बाद मैं मां बनने वाली हूं. बहुत खुश हूं. लेकिन सुना है कि बच्चा होने के बाद औरतें मोटी हो जाती हैं. मेरी तो जौब ऐसी है जिस में फिगर मेनटेन रखनी बहुत जरूरी है. प्रैग्नैंसी में तो कहते हैं कि औरत को 2 लोगों का भोजन करना चाहिए. ऐसी बात है तो मैं तो मोटी हो जाऊंगी. नौकरी तो गई हाथ से. आप ही बताएं प्रैग्नैंसी के दौरान डाइट का ध्यान कैसे रखूं?

शादी के 5 साल बाद मां बनने वाली हैं तो आप को तो खुश होना चाहिए. बढ़ते वजन के बारे में क्यों सोच रही हैं. प्रैग्नैंसी के दौरान कितना वजन बढ़ना चाहिए, इस का कोई पैरामीटर नहीं है. प्रैग्नैंसी के दौरान वजन का बढ़ना महिलाओं के शरीर के आकार, डाइट और कई चीजों पर निर्भर करता है. आमतौर पर प्रैग्नैंसी के पहले महीने से ले कर 9 महीने के बीच महिला का वजन 9 से 12 किलो तक बढ़ता है. जिन महिलाओं का वजन कंसीव करने से पहले कम था, उन का वजन आमतौर पर 15 से 20 किलो बढ़ना सही माना जाता है.

प्रैग्नैंसी के दौरान महिला के गर्भ में एक नन्ही सी जान पल रही होती है. इसलिए महिलाओं को अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है, इसलिए हैल्दी डाइट लेना जरूरी है न कि 2 लोगों के हिसाब से खाना खाएं. आप प्रैग्नैंसी से पहले जितनी कैलोरीज का सेवन कर रही थीं, प्रैग्नैंसी के दौरान आप को उस में सिर्फ 300 हैल्दी कैलोरीज और ऐड करने की जरूरत होती है. हैल्दी डाइट से बच्चे को पूरा पोषण मिलेगा और विकास सही तरीके से होगा. खाने में प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम का सही संतुलन होना चाहिए. डाइट में अनार, मखाने, दाल और अंडों को शामिल करना चाहिए.

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