मध्यप्रदेश भाजपा मंत्रिमंडल के विस्तार पर प्रकाश मेहरा निर्देशित सुपर डुपर हिट फिल्म मुकद्दर का सिकंदर फिल्म के गाने का अमिताभ बच्चन और रेखा पर फिल्माया उक्त टुकड़ा बेहद सटीक बैठता है . मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर खास तवज्जो देते उनके 11 चहेतों को मंत्री बनाया गया है इसके अलावा 3 और कांग्रेसियों को एडजेस्ट किया गया है . कमलनाथ मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक 6 मंत्री थे अब शिवराज मंत्रिमंडल में इनकी तादाद 11 हो गई है . नए मंत्रिमंडल में शिवराज सिंह सहित कुल 34 मंत्री हैं जिनमें से 14 यानि 41 फीसदी कांग्रेसी हैं .
गैर भाजपाई 14 मंत्रियों में से अभी कोई भी विधायक नहीं है . ऐसी कई हैरतअंगेज दिलचस्प बातें मौजूदा राजनीति की हकीकत बयां करती हैं जिनका सार यह है कि सियासत और मोहब्बत में नाजायज कुछ नहीं होता और प्रदेश कांग्रेस जब तक बूढ़ों के हाथों में रहेगी तब तक भाजपा को ज्यादा फिक्र करने की जरूरत नहीं है . भाजपा में विभीषणों को पर्याप्त सम्मान मिलता है . वह दानवों को देवता और अनार्यों को भी आर्य बना सकती है . उलट इसके कांग्रेस में नख और दंत विहीन शेरों का दबदबा है जो शिकार के लिए भी कारिंदे रखते हैं . कमलनाथ और दिग्वजय सिंह दोनों जमीनी नेता नहीं हैं उन्हें अर्ध जमीनी कहना ज्यादा बेहतर होगा .
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तैयारी उपचुनाव की -
मंत्रिमंडल विस्तार में 24 सीटों के उपचुनावों का खौफ साफ साफ दिख रहा है . भाजपा को सत्ता में रहना है तो उसे ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना होंगी और इसी लिहाज से मंत्रिमंडल डिजायन भी किया गया है . अंदाजा है यह डिजायन दिल्ली से बनकर आई जिसमें अगड़ों और पिछड़ों को बराबर जगह दी गई . मंत्रिमंडल में 3 ब्राह्मण 8 ठाकुर 10 पिछड़े और 4 – 4 दलित , आदिवासी रखे गए हैं . 2 मंत्री गैर मुसलमान अल्पसंख्यक , 1 कायस्थ और जाट समुदाय से भी 1 को फिट किया गया है .