इन पंक्तियों के लिखे जाने के कुछ घंटे पहले सैटेलाइट तस्वीरों के जरिये पता चला है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएससी (लाइन आॅफ एक्चुअल कंट्रोल) के पास करीब 20,000 सैनिक तैनात कर दिये हैं. यही नहीं उसने लद्दाख सीमा से सटे अपने जिनसियांग प्रांत में भी 10 से 12 हजार सैनिकों की तैनाती की है. हिंदुस्तान की उसके इस मूवमेंट पर लगातार निगाह है और सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया चीनी मूवमेंट से भविष्य की कुछ खतरनाक इबारतें पढ़ रही है. इसी के मद्देनजर भारतीय सेना ने भी अपनी जबरदस्त तैयारी में लगी हुई है. भारत की तरफ से भी पूर्वी लद्दाख सीमा के समीप दो डिवीजन सेना तैनात कर दी गई है.

भारत ने पूर्वी लद्दाख सीमा के निकट टैंक और बीएमपी-2 (बोयेवाय मशीना पेखोटी-इंफैंट्री कंबाट व्हीकल - विशेष रशियन इंफैंट्री युद्धक वाहन) भी वायु सेना द्वारा वहां पहुंचा दिये गये हैं. भारत की तरफ से त्रिशूल इंफैंट्री डिवीजन यहां तैनात की गई है. इसके अलावा हिंदुस्तान की तरफ से सीमा के नजदीक तीन और बिग्रेड की तैनाती की गई है. अगर सूत्रों की मानें तो गलवान वैली से लेकर काराकोरम दर्रे तक चीन की बढ़ती हरकतों पर भारतीय सेना पल-पल पर नजर बनाये हुए है, इसे सैटेलाइट के साथ तमाम आधुनिक उपकरणों के जरिये भी माॅनिटर किया जा रहा है. सवाल है इस सबके पीछे सिद्धांत रूप से चीन का इरादा क्या है? क्या चीन तीसरे विश्व युद्ध की भूमिका रच रहा है?

ये भी पढ़ें-तू मसीहा सियासत के मारों का है –

गौरतलब है कि चीन के मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब सत्ता में आये थे, तो उन्होंने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और इसके सदस्यगणों से वायदा किया था कि वह चीन के प्राचीन गौरव को पुनःस्थापित करेंगे और उसे ‘ज्ञान व शक्ति से अजय राष्ट्र’ बना देंगे. दरअसल यही वह ‘चाइना ड्रीम’ है जिसकी हाल के सालों में कई बार गुपचुप तरीके से चीनी सैन्य कमांडरों ने, चीन के बुद्धिजीवियों ने और चीन के फिल्मकारों ने चर्चा की थी. इस चाइना ड्रीम के सबसे बड़े रचनाकार शी जिनपिंग हैं. इसीलिए उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी ने आजीवन या लंबे समय तक के लिए सत्ता सौंप दी है. अपने इसी चाइना ड्रीम को ताकतवर संदेश में बदलने के लिए राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद शी जिनपिंग उस युद्धपोत की यात्रा पर गये थे, जो दक्षिण चाइना सी में सैन्य निर्माण के जरिये अपना नियंत्रण स्थापित करने में शामिल था. संक्षेप में बात ये है कि अब तक के अपने कार्यकाल में ने चाइन ड्रीम को कई तरीके से साकार करने की कोशिश में लगे हुए हैं. शी ने ग्लोबल टेक्नोलॉजी पर कब्जा करने के ‘चाइना 2025’ प्रोग्राम से लेकर बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) जो योजनाएं बनायी हैं,उनका एकमात्र उद्देश्य चाइना ड्रीम को साकार करने के लिए सुनियोजित बुनियाद रखने का रहा है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...