जिस राज्य का मुखिया हिंदुत्व की दहाड़ खुलेआम करता हो और राज्य की सियासत उग्र हिंदू राष्ट्र के फेर में धंसती जा रही हो वहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आम जनता का ध्यान मूलभूत मुद्दों की तरफ खींच रही हैं.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में पार्टी का जनाधार बढ़ाने व पार्टी की सांगठनिक मजबूती के लिए किसानों, नौजवानों, बेरोजगारों के मूल सवालों पर फोकस करना शुरू किया है. उन्होंने यह तय किया है कि योगी सरकार के हिंदुत्व नैरेटिव से इतर आम आदमी के असल सवालों पर बात कर के योगी सरकार

की हिंसक, विभाजनकारी राजनीतिक असलियत की तुलना में आम जनता के सवालों पर प्रदेश की राजनीति को खड़ा किया जाए. इस के तहत पार्टी प्रदेश के बेरोजगारों, नौजवानों, छोटे दुकानदारों, रेहड़ीपटरी वालों, किसानों से सीधे संवाद कायम कर के योगी आदित्यनाथ सरकार की जनविरोधी नीतियों का परदाफाश करेगी और सरकार को सड़क से सदन तक घेरेगी.

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हालांकि, योगी आदित्यनाथ की सरकार भले ही बेरोजगारों, किसानों और नौजवानों की समस्याओं पर संवेदनशील होने का दावा करती हो लेकिन विश्लेषक यह मानते हैं कि यह सरकार केवल अपने मूल एजेंडे यानी हिंदुत्व के प्रसार और इसे स्थापित करने पर ही केंद्रित है. आम जनता की समस्याओं से इस का सरोकार नहीं है.

गौरतलब है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों को गन्ना मूल्य का समयबद्ध और उचित भुगतान मिलना एक बड़ी समस्या है. चीनी मिलों पर किसानों की बकाया रकम 4 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है. वहीं, पूर्वांचल में रोजीरोटी के लिए पलायन के साथ किसानों को धान और गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना एक  बड़ी चुनौती है. रोजगार गायब है. योगी सरकार के लाख दावों के बावजूद सरकार किसानों को गन्ने का समयबद्ध न्यूनतम मूल्य दिलवा पाने में जहां असफल है वहीं पूर्वांचल में धान के सीजन में किसानों ने बिचौलियों को बड़ी मात्रा में अपनी तैयार फसलें औनेपौने दामों में बेची हैं.

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