उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने पर योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में गृहप्रवेश करने से लेकर मुख्यमंत्री के कार्यालय एनेक्सी में कामकाज शुरू करने तक हर काम की शुरूआत विधिवत पूजा पाठ से की. विशेष तरह की पूजा खुद योगी के गोरखपुर मंदिर से आये पुजारियों ने की. 4 माह में एक के बाद एक ऐसी घटनाये घटी जो प्रदेश में पहली बार घटी थी. बड़ीबड़ी घटनाओं का केन्द्र बिन्दू कभी राजधानी लखनऊ रही, जो योगी आदित्यनाथ का कर्म स्थल है या गोरखपुर जहां योगी आदित्यनाथ की तपोभूमि रही है. ऐसे में साफ दिख रहा है कि काम करने से पहले पूजापाठ और शुद्वीकरण जैसे उपाय योगी के किसी काम नहीं आ रहे हैं. सबसे खास बात यह कि इस तरह की घटनाओं में योगी सरकार उपहास का पात्र बनती जा रही हैं.
उत्तर प्रदेश की विधानसभा में विस्फोटक मिला. जोरशोर से विधानसभा में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया. सुरक्षा व्यवस्था बढा दी गई. सरकार आज तक यह साबित नहीं कर पाई कि विस्फोटक का सच क्या है? विधानसभा मुख्यमंत्री से सीधे तौर पर जुड़ी होती है. एक तरह से कहें तो यह मुख्यमंत्री का दरबार होता है. राजधानी लखनऊ के मेडिकल कालेज में आग लगी. कई मरीज मौत का शिकार हुये, आग के कारणों का आज तक पता नहीं चल सका. लखनऊ केवल राजधानी भर नहीं है. यहां देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डाक्टर दिनेश शर्मा का कार्यक्षेत्र भी है.
उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ के बाद गोरखपुर सबसे महत्वपूर्ण है. क्योंकि गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सांसद हैं और यही उनका गोरक्षा पीठ का मंदिर भी है. मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ गोरखपुर जाते रहते हैं. गोरखपुर में सब कुछ ठीक रहे यह करने का प्रयास सरकारी मशीनरी के द्वारा बराबर होता है. इसके बाद भी गोरखपुर किसी न किसी वजह से चर्चा में बना रहा है. गोरखपुर के सबसे बड़े अस्पताल में औक्सीजन की कमी से होने वाली 30 से अधिक बच्चों की मौतों ने सरकार के मुंह पर कालिख पोत दी है. बच्चों के साथ दूसरों की मौतों को देखें तो यह संख्या 50 के करीब पहुंच चुकी है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन