Sheikh Hasina Extradition: बांग्लादेश एक बार फिर से सुलग उठा है. बांग्लादेश में गृहयुद्ध जैसे हालात बने हुए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए मृत्युदंड का फैसला आने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की फौज और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थक राजधानी ढाका की सड़कों पर आमने सामने हैं. हसीना समर्थकों को गोली मारने के आदेश यूनुस सरकार ने जारी किये हैं. बांग्लादेश भयानक हिंसा के दौर में है.

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जिन्हे भारत ने पनाह दी हुई है, को 17 नवंबर 2025 को मानवता-विरुद्ध अपराधों के एक मामले में बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने मौत की सजा सुनाई है. शेख हसीना के साथ उनकी सरकार में गृहमंत्री रहे असदुज्जमान खान कमाल को भी मौत की सजा सुनाई गई है. इस फैसले को ढाका में बड़े स्क्रीन पर बकायदा लाइव दिखाया गया और उसके बाद बांग्लादेश के तमाम शहरों में हिंसा, आगजनी और प्रदर्शन हुए.

गौरतलब है कि 2009 में सत्ता संभालने के बाद शेख हसीना ने बांग्लादेश को एक आर्थिक रूप से पिछड़े और राजनीतिक अस्थिर राष्ट्र की छवि से निकालकर एक ऐसे देश में बदलने की दिशा में कार्य किया, जिसके चलते बांग्लादेश दक्षिण एशिया में तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया. बीते एक दशक में बांग्लादेश का जीडीपी लगातार बढ़ता गया और वह कपड़ा उद्योग (रेडीमेड गारमेंट) के सहारे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा. कपड़ा उद्योग में लाखों महिलाओं को रोजगार मिला, जिनकी मेहनत और प्रतिबद्धता ने देश की उत्पादन क्षमता को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया.

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