प्रणब मुखर्जी ऐसे पहले कांग्रेसी दिग्गज नेता होंगे. जिन्हें घुर विरोधी कहे जाने वाले विपक्ष भाजपा की सत्तासीन सरकार ने देश का सर्वोच्च सम्मान देने का निश्चय किया है. और आज प्रणब मुखर्जी भारत रत्न से सम्मानित हो गए .देश के इस सर्वोच्च सम्मान के लिए हर एक प्रतिष्ठित शख्स लालायित रहता है. आज जब प्रणब मुखर्जी को भारत सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया है ऐसे में अनेक प्रश्न खड़े हो जाते हैं जिनके जवाब शायद किसी के पास नहीं है.
प्रणब दा के रूप में
देश के राजनीतिक हलके में सम्मानित पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एक बड़े कांग्रेसी हैं. इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल मे उनके महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में रहे प्रणब मुखर्जी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा राजीव गांधी के समय काल में जगजाहिर हुई.
प्रणब मुखर्जी कांग्रेस से बाहर रहकर अपना झंडा बुलंद करने लगे.जब 'रोटी' नहीं पकी तब नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में एक निष्ठावान कांग्रेसी के रूप में आपका रूपांतरण हो गया .
और आगे चलकर मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री बने तो यह सबके सामने जग जाहिर हो गया था कि प्रणब दा मनमसोस कर रह गए हैं. मगर दोनों कार्यकाल के दरम्यान आप एक निष्ठावान कांग्रेस मैन रह कर कांग्रेस की मुख्यधारा के दिग्गज रहे . लाख टके का सवाल है अब ऐसा क्या हो गया की आप को कांग्रेस के दिग्गज विरोधी गलबहियां कर रहे हैं-
इतिहास को मुंह दिखाना है
बुद्धिजीवी, दिग्गज, देश के धुरंधर कहते हैं और सोचते हैं की कल इतिहास जब प्रश्न करेगा तब हम क्या जवाब देंगे ? आज तो सत्ता की धमक में आप मुंह बंद कर देंगे. आवाज मौन कर देंगे.मगर वर्षों पश्चात जब इतिहास लिखा जाएगा तब आप क्या जवाब देंगे ?
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