लोकसभा और राज्यसभा में 142 सांसदों के निलंबन का विरोध कर रहे सांसदों ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद के बाहर धनखड़ की मिमिक्री कर दी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस का वीडियो बनाया. भाजपा ने इस को मुददा बना दिया. इसे देश के संवैधानिक पद के अपमान से जोड़ दिया गया है. इस मसले को ले कर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सदन में जिस तरह से अपनी बात रखी उस से लगा कि वे बेहद आहत हैं.

भजभज मंडली ने धनखड़ की मिमिक्री को जाट अपमान से जोड़ दिया. जिस जाट बिरादरी को वह मानने के लिए तैयार नहीं थी उसे बिरादरी के तौर पर अब स्वीकार कर लिया है. इस की प्रमुख वजह पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक को भी माना जा रहा है. जिस तरह से वे मोदीशाह के निर्णयों को ले कर सवाल उठाते रहे हैं, ‘मिमिक्री कांड’ के बहाने सतपाल मलिक के महत्त्व को भी खत्म करने की योजना है.

प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से फोन पर बात करते हुए उन को सांत्वना देते कहा, ‘पिछले 20 सालों में मैं खुद लगातार अपमान सहन कर रहा हूं.’ प्रधानमंत्री के बयान के बाद अब पूरी पार्टी, संगठन और सोशल मीडिया टीम ‘मिमिक्री कांड’ को विक्टिम कार्ड के रूप में खेल रही है. राज्यसभा में केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफसाफ इसे उपराष्ट्रपति की प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए कहा, ‘हम ने देखा, कैसे एकदूसरे सदन के सदस्य आप के संवैधानिक पद को अपमानित किया है. हम इस की निंदा करते हैं, किसी वर्ग और समाज को अपमानित करना सही नहीं है.’

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