जम्मूकश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अब एक नए झमेले में फंस गए हैं जिस से साबित होता है कि तलाक के बाद भी पतिपत्नी को कानूनन एकदूसरे से छुटकारा नहीं मिलता और दांपत्य तनाव पूर्ववत रहते हैं. उमर ने 2014 का विधानसभा चुनाव लड़ते वक्त चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में आश्रितों की चलअचल संपत्ति से संबंधित कौलम को नहीं भरा था. यह बात सुप्रीम कोर्ट के एक वकील अजय अग्रवाल को नागवार गुजरी तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते उमर पर आरोप मढ़ डाला कि उन्होंने वास्तविक तथ्य छिपाए हैं क्योंकि 2008 के चुनाव में उन्होंने यह कौलम भरा था. उमर के 2 बेटे हैं जो उन की पत्नी पायल के पास दिल्ली में रहते हैं. जब तलाक हो गया तो उमर क्यों और कैसे पत्नी व बच्चों से संबंधित जानकारी दें, यह बात समझ से परे है जिसे एक परेशान पति की नजर से देखा जाए तो यह ज्यादती के साथसाथ अदालत पर एक और मुकदमे का बोझ है.

 

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