छाती तक  झूलती श्वेत दाढ़ी, माथे पर चंदन का किंग साइज का तिलक और चेहरे से टपकता तथाकथित तेज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पौराणिक हिमालयी ऋषि और देवता होने का आभास कराते हैं. उन के कई अनुयायी तो उन्हें अवतार घोषित कर भी चुके हैं लेकिन चूंकि अभी देवलोक से इस आशय की पुष्टि करती कोई आकाशवाणी नहीं हुई है इसलिए शक तो बरकरार है कि वे ऋषिभेष में आम मानव हैं.

पश्चिम बंगाल के स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान मिदनापुर के वार्ड नंबर एक में एक पोस्टर लगा था जिस में मोदी और शाह देवी बनीं ममता बनर्जी के त्रिशूल के नीचे एक मायावी राक्षस महिषासुर, जिस ने रूप बदल कर देवी को 25 बार छकाया था, की जगह अधमरे से पड़े हैं.

भाजपाइयों ने बवाल तो मचाया लेकिन यह भूल गए कि यह शुरुआत तो उन्होंने ही विधानसभा चुनाव के दौरान ममता को शूर्पणखा और ताड़का कहते की थी. हालांकि, कौन क्या है यह तो विधानसभा के बाद निकाय चुनाव के नतीजे भी बता ही चुके हैं.

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विश्वास(घात)

कुमार विश्वास एक मंचीय कवि हैं जो इन दिनों अंदर घुसने के लिए बाहर से भगवा गैंग को खुला सपोर्ट कर रहे हैं. पेट पालने के लिए उन्होंने मोरारी बापू की तरह रामकथा बांचनी भी शुरू कर दी है. इस के पीछे इस मनुवादी कुंठित कवि की ख्वाहिश इतनी भर है कि भाजपा इन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा देने के बजाय राज्यसभा में लेले, क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें इसी मांग पर आम आदमी पार्टी से धकिया दिया था. तब से बिना नागा निरंतर तिलमिला रहे कुमार विश्वास अपने मुख्यमंत्री सखा को कोसने के नएनए मौके ईजाद करते रहते हैं.

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