सिर्फ एक कदम गलत उठा था राह ए शौक में, मंजिल तमाम उम्र मुझे ढूंढती रही. अपने दौर के मशहूर शायर अब्दुल हमीद कदम की गजल का यह एक शेर महबूबा मुफ्ती की न केवल व्यक्तिगत बल्कि सियासी जिंदगी पर भी फिट बैठता है. पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी की मुखिया महबूबा मुफ्ती जम्मूकश्मीर की अनंतनाग सीट से चुनाव मैदान में हैं. सामने हैं गुजरे दौर के दिग्गज कांग्रेसी और ताजीताजी बनी डैमोक्रेटिक प्रगतिशील आजाद पार्टी के संस्थापक व अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद और मुकाबले को दिलचस्प व कठिन बना रहे हैं नैशनल कौंफ्रैंस के मियां अल्ताफ जिन का नाम भी जम्मूकश्मीर में किसी पहचान का मुहताज नहीं. तमाम हालात के मद्देनजर और मौजूदा समीकरण देखते वोटर के लिए ही यह फैसला कर पाना कठिन है कि जीतेगा कौन.

आने वाली 22 मई को 65 साल की होने जा रहीं महबूबा जम्मूकश्मीर की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. किसी भी भारतीय राज्य की दूसरी मुसलिम महिला मुख्यमंत्री होने का श्रेय उन्हें 2016 में मिला था. पहली महिला मुसलिम मुख्यमंत्री 1980 में कांग्रेस की तरफ से असम की सैयदा अनवरा तैमूर बनी थीं लेकिन उन के मुकाबले महबूबा का जम्मूकश्मीर का मुख्यमंत्री बन जाना आसान था क्योंकि उन के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद भी इसी राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे. वे देश के पहले मुसलिम गृहमंत्री भी बने थे. यह मौका उन्हें वी पी सिंह सरकार में मिला था.

यह भी पढ़ें- सेना से संबंधित संस्थाओं में धार्मिक संगठन का जुड़ना क्या देश के लिए खतरा है?

मुफ्ती मोहम्मद ने नैशनल कौंफ्रैंस छोड़ कर कांग्रेस जौइन कर ली थी. 1986 में राजीव गांधी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था लेकिन 1989 में वे कांग्रेस छोड़ कर वी पी सिंह के साथ उन के जनमोरचा में हो लिए थे. इस के बाद नरसिम्हा राव के वक्त में वे फिर कांग्रेस में आ गए थे. पर 1999 में उन्होंने खुद की पार्टी बना ली थी जिस की जिम्मेदारी अब महबूबा के कंधों पर है.
तो महबूबा को राजनीति में जमने के लिए खास जद्दोजेहद नहीं करना पड़ी थी लेकिन पिता की मौत के बाद उन्हें समझ आया था कि राजनीति और वह भी जम्मूकश्मीर जैसे विवादित व संवेदनशील राज्य की कर पाना कोई हंसीखेल नहीं है. खासतौर से तब जब आप का मुकाबला और सामना 94 साल पुरानी नैशनल कौंफ्रैंस के मुखिया फारूख अब्दुल्ला व उन के बेटे उमर अब्दुल्ला से हो.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...