पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान के करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ने वाला कौरिडोर बनाए जाने पर खुशियां मनाई जा रही हैं. कौरिडोर के शुरू होने के फायदे गिनाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि करतारपुर कौरिडोर बनने से दोनों देशों के बीच कला, संस्कृति की साझा विरासत को बढ़ावा मिल सकेगा. इस से परस्पर प्रेम, सद्भाव बढ़ेगा.

केंद्र सरकार द्वारा गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से पाकिस्तान की सीमा तक यह कौरिडोर बनाया जा रहा है. 150 करोड़ की लागत का यह कौरिडोर चार लेन का होगा. उधर पाकिस्तान सरकार करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब से भारत की सीमा तक अपने क्षेत्र में कौरिडोर बना रही है. दोनों ओर से यह कौरिडोर डेरा बाबा नानक और दरबार साहिब को जोड़ेगा.

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु ने डेरा बाबा नानक में इस कौरिडोर का शिलान्यास किया है. 28 नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान करतारपुर में दरबार साहिब से शिलान्यास करेंगे. पाकिस्तान में यह रावी के तट पर स्थित है. कौरिडोर के निर्माण में चार महीने का समय लगेगा और फिर दोनों देशों के श्रद्घालुओं के लिए इसे खोल दिया जाएगा.

दरअसल भारत पाकिस्तान के बीच दो धर्मस्थलों को जोड़ने वाले इस कौरिडोर से दोनों देशों के बीच सद्भावना की राह खुलने की उम्मीद करना बेकार है. ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान में सिखों के साथ नफरत नहीं है. फिर गुरुद्वारों में हर धर्म के लोग जाते हैं.

भारत पाकिस्तान के बीच आनेजाने के पहले से पहले से कई रास्ते हैं लेकिन उन रास्तों से जरिए परस्पर प्रेम, शांति की बातें सही साबित नहीं हो पाई हैं. पाकिस्तान के कट्टरपंथियों ने कई अवैध रास्ते भी निकाल रखे हैं. इन के जरिए वे घुसपैठ करते रहे हैं और भारत में आ कर खूनी खेल खेलते आए हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...