अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक व्यक्ति अपनी परेशानियां बता रहा...वो कहता है कि "मैं सुबह से यहां मरीज को दिखाने के लिए आया हूं कभी दवाईयों के लिए भाग रहा हूं तो कभी प्लाज्मा के लिए ...डॉक्टर्स कहते हैं जाओ प्लाज्मा लाओ....अरे हम मरीज को देखें या भागते ही रहें. कम से कम बेसिक चीजों जैसे कि ऑक्सीजन , बेड, प्लाज्मा, दवाईयां इनकी जरूरत होती है अस्पतालों में वो तक नहीं हैं. कब करेगी सरकार व्यवस्था इसकी ?"

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तो वहीं दूसरी ओर यमुना विहार के पंचशील नर्सिंग होम के मालिक ने डीएम ऑफिस से ऑक्सीजन खत्म होने पर मदद मांगी तो डीएम ऑफिस की ओर से मदद करने के बजाय नोटिस भेज दिया कि आप खुद 5 बजे तक ऑक्सीजन की व्यवस्था करें नहीं तो आपके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. अब भला सोचिए कि जो डॉक्टर खुद सरकार से मदद मांग रहा है वो कहां से इसकी व्यवस्था करेगा ? कोरोना विकराल हो चुका है...पूरा देश इसकी चपेट में है...लगातार लोगों की जान जा रही है...शर्मसार करने वाली बात ये है कि लोगों की अंतिम विदाई भी ठीक से नहीं हो पा रही है...लोग अपने मरने वाले परिवारजन के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पा रहे हैं. शवों को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिल पा रहा है...कोरोना की भयावहता के बीच ऐसी तस्वीर आई है, वो बेहद दर्दनाक है दरअसल ये तस्वीर ये महाराष्ट्र के बीड़ की है जिसमें एक अस्पताल से एक एंबुलेंस में ठूंस- ठूंस कर लाशें रखी गई थीं. अब आप खुद सोचिए कि हिंदुस्तान में स्थिति क्या है?

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