नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए राहुल गांधी ने जो मार्मिक सवाल उठाए, उन के जवाब अनुत्तरित ही रह गए. ऐसा प्रतीत होता है मानो हिंसा से जल रहे मणिपुर के मसले पर भाजपा के बहुचर्चित नेता हाईकमान के निर्देश पर मौन रहना चाहते हैं और इस मसले पर इधरउधर की बातें कर के गंभीर सवालों से बचना चाहते हैं.

दुनियाभर में जब मणिपुर के वीडियो और यह मसला चर्चा का विषय बना हुआ है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते तो इस पर एक संवेदनशील अपील कर सकते थे. और उस से आगे जा कर मणिपुर का दौरा कर सकते थे, जब चुनाव के दरमियान 1 दिन में हजारों किलोमीटर की यात्रा की जा सकती है, अनेक राज्यों में जा कर लोगों से वोट मांगा जा सकता है, तो फिर मणिपुर जैसे एक छोटे से राज्य में जा कर वहां की समस्या को क्यों नहीं नजदीक से देखा जा सकता और सुलझाया जा सकता?

दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर की स्थिति को ले कर 9 अगस्त को मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा, ‘इन की राजनीति ने मणिपुर को नहीं हिंदुस्तान को मणिपुर में मारा है.’

सत्ता पक्ष की उग्रता के बीच राहुल गांधी ने अपनी मणिपुर यात्रा के दौरान महिलाओं के दर्दनाक मंजर को सदन में विस्तार से बताया.

राहुल गांधी ने लोकसभा में सरकार के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए कि वह इस राज्य को हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं मानती.

उन्होंने आगे कहा कि भारत एक आवाज है और अगर इस आवाज को सुनना है, तो अहंकार और नफरत को त्यागना होगा.

राहुल गांधी ने जो सवाल उठाए, उन का जवाब सत्ता पक्ष की ओर से आना चाहिए था, मगर सत्ता पक्ष कुछ इस तरह व्यवहार करते हुए दिखाई दिया जैसे मणिपुर पर बात करना ही नहीं चाहता.

अविश्वास प्रस्ताव लाने की महत्वपूर्ण वजह मणिपुर राज्य, जहां आज हिंसा अपने उफान पर है और सौ दिनों से ज्यादा हो गए, यह थमने का नाम नहीं ले रही है. ऐसे में राहुल गांधी ने अपने मणिपुर दौरे के अनुभव का उल्लेख किया.

उन्होंने बताया कि 2 महिलाओं ने उन्हें आपबीती बताई थी. एक कैंप में एक महिला ने कहा कि उस की आंखों के सामने उस के बेटे को गोली मार दी गई. वह एक रात अपने बेटे के साथ रही और जब उस महिला को डर लगा तो अपने कुछ कपड़ों और एक फोटो को ले कर अपना घर छोड़ दिया.

राहुल गांधी ने बताया कि किस तरह बातचीत के दौरान महिला बुरी तरह से डर से कांप रही थी और फिर बेहोश हो गई.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह आज की सचाई है कि मणिपुर को आप ने बांट दिया है, तोड़ दिया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने हरियाणा और देश के कई अन्य हिस्सों में ‘केरोसिन’ छिड़क दिया है.

राहुल गांधी ने सदन में कहा, ‘हिंदुस्तान की सेना एक दिन में शांति ला सकती है, लेकिन आप (सरकार) हिंदुस्तान की सेना का उपयोग नहीं कर रहे हैं.’

स्मृति ईरानी की कमजोरी बयानी

राहुल गांधी ने अपने प्रभावशाली भाषण में लोकसभा में कहा, ‘रावण दो लोगों मेघनाथ और कुंभकर्ण की सुनता था, उसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ अमित शाह और अडाणी की सुनते हैं.’

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि लंका को हनुमान ने नहीं जलाया था, रावण के अहंकार ने जलाया था. रावण को राम ने नहीं मारा था, रावण के अहंकार ने ही उसे मारा था.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के संदर्भ में कहा कि पिछले साल 130 दिन तक मैं ने भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक पैदल यात्रा की. मैं समुद्र के तट से कश्मीर की कीली पहाड़ी तक चला.

उन्होंने यात्रा के दौरान के कुछ अनुभवों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘जब मैं यात्रा कर रहा था, तो मुझे भीड़ की आवाज सुनाई नहीं देती थी. जिस से बात करता था, उसका दुख और दर्द सुनाई देता था.’

राहुल गांधी ने कहा कि लोग कहते हैं कि ये देश है, कोई कहता है कि अलगअलग भाषाएं हैं, कोई जमीन, कोई धर्म तो कोई सोना और चांदी की बात करता है. लेकिन सच तो यह है कि यह देश एक आवाज है. इस देश के लोगों की आवाज है. इस देश के लोगों का दर्द है, दुख है, कठिनाइयां हैं. इस आवाज को सुनने के लिए हमें अपने अहंकार को खत्म करना पड़ेगा, तभी हमें इस हिंदुस्तान की आवाज सुनाई देगी.

राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि एक मां मेरी यहां बैठी हैं, एक भारत मां को मणिपुर में मारा जा रहा है…

नरेंद्र मोदी सरकार की मंत्री एक तरह से प्रवक्ता स्मृति ईरानी ने इस पर जोरदार प्रतिकार करते हुए कहा कि भारत माता को मारने की बात पर विपक्ष के लोग तालियां बजाते हैं, यह शर्मनाक है. मगर स्मृति ईरानी यह भूल गईं कि उन्होंने स्वीकार कर लिया कि मणिपुर में भारत माता को नरेंद्र मोदी की सरकार मार रही है.

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