25 जनवरी,2023. यहवहतारीख है जिसने विश्व के दूसरे सबसे अमीर भारतीय उद्योगपतिगौतम अडानी के साम्राज्य की नींव हिला दी. हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के खिलाफ32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट क्या जारी कीकिअडानी अर्श से फर्श पर आ गए. शेयरमार्केटमें उनकी कंपनियों के शेयर जिस तेजी से गिरे,अडानी एक हफ्ते में अमीरी की दुनिया में नंबर2से लुढ़क कर30 से भी नीचे चले गए. सड़क से संसद तक हंगामा उठ खड़ा हुआ क्योंकि अडानी की कंपनियों ने भारतीय बैंकों से न सिर्फ अरबों रुपए लोन के तौर पर उठाएहुए हैं, बल्कि उद्योग और व्यापार के हर महत्त्वपूर्ण क्षेत्र पर उनका कब्ज़ा है.

क्या है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट
हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना साल2017 में नाथन एंडरसन ने की है. यह एक वित्तीय शोध करने वाली कंपनी है, जो इक्विटी, क्रैडिटऔर डेरिवेटिव मार्केट के आंकड़ों का विश्लेषण करती है. हिंडनबर्ग रिसर्च हेज फंड का कारोबार भी करती है. इसेकौरपोरेट जगत की गतिविधियों के बारे में खुलासा करने के लिए जाना जाता है.

कंपनी यह पता लगती है कि क्या शेयर मार्केट में कहीं गलत तरीके से पैसों की हेराफेरी तो नहीं हो रही है? क्या कोई कंपनी अकाउंट मिसमैनेजमैंट से खुद को बड़ा तो नहीं दिखा रही है? क्या कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही?
हिंडनबर्ग ने साल2020 के बाद से30 कंपनियों की रिसर्च रिपोर्ट उजागर की है और रिपोर्ट रिलीज़ होने के अगले ही दिन उस कंपनी के शेयर औसतन15 फीसदी तक टूट गए.

हिंडनबर्ग का खुलासा
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में लिप्त है. इसी हेरफेर के चलते3साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की संपत्ति एक अरबडौलर बढ़कर120 अरबडौलर हो गई. इस दौरान समूह की7 कंपनियों के शेयर औसत819 फीसदी बढ़े हैं. यही नहीं,मौरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात जैसे अनेक टैक्सहैवन देशों में अडानी परिवार ने कई मुखौटा कंपनियां खोल रखी हैं जिनके तहत मनीलौंड्रिंग और भ्रष्टाचार का जबरदस्त खेल चलता है.

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