बिहार सरकार राज्य में 94 लाख 33 हजार 312 गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपए नकद देने जा रही है. इस के पहले 72 दिनों के अंदर 2.17 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दे कर बिहार ने रिकौर्ड कायम किया है. 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले यह नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. अयोध्या में राम पर करोड़ों रुपए खर्च वाली भाजपा इस पर सवाल उठा रही है. बिहार और उत्तर प्रदेश की तुलना की जाए तो यूपी के रहने वाले ही बिहार में नौकरी पाकर खुश हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गरीब परिवारों को आर्थिक मदद देने की घोषणा करते कहा कि, ‘गरीब परिवार के एकएक सदस्य को दोदो लाख रुपए सरकार की तरफ से दिए जाएंगे.’ इन परिवारों की संख्या 94 लाख 33 हजार 312 है. सरकार ने जातीय गणना के दौरान इन परिवारों के बारे में जानकारी जुटाई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में इन गरीब परिवारों को आर्थिक मदद देने की घोषणा और मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर मोहर लगा दी गई. इस का लाभ सभी वर्ग के गरीब परिवारों को मिलेगा. यह राशि 3 किस्तों में दी जाएगी.

पहली क़िस्त में 25 फीसदी, दूसरी में 50 और तीसरी में 25 फीसदी राशि दी जाएगी. 63 तरह के रोजगार करने के लिए यह पैसा दिया जाएगा.
नीतीश कुमार ने 22 नवंबर, 2023 को विधानसभा में इस की घोषणा करते कहा था कि जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिला कर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाए गए हैं. उन सभी परिवारों के एकएक सदस्य को रोजगार हेतु 2 लाख रुपए तक की राशि किस्तों में उपलब्ध कराई जाएगी. सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत अत्यंत निर्धन परिवारों की सहायता के लिए अब एक लाख रुपए के बदले दो लाख रुपए दिए जाएंगे. इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपए की राशि व्यय होगी. इन कामों के लिए काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होने के कारण इन्हें 5 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

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