लेखक-शाहनवाज

भारत और एशिया के सब से अमीर शख्स मुकेश अंबानी पर बीते बुधवार 7 अप्रैल को शेयर बाजार की रेगुलेटरी बौडी, सिक्यूरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड औफ इंडिया (सेबी) ने दो दशक पुराने मामले में अंबानी परिवार पर जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना सन 2000 में रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़े मामले में अधिग्रहण नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर लगाया गया है.

सेबी ने मुकेश अंबानी, उन के छोटे भाई अनिल अंबानी समेत अंबानी परिवार में अन्य सदस्यों पर जिन में नीता अंबानी, टीना अंबानी, के डी अंबानी इत्यादि पर जुर्माना लगाया है. बता दें की नीता अंबानी मुकेश अंबानी की पत्नी हैं और टीना, अनिल अंबानी की पत्नी हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना की दूसरी लहर और फुस्स होता टीकाकरण अभियान

टेकओवर नियमों का किया है उल्लंघन

दरअसल इस पूरे मामले की जड़ सन 1994 में मिलती है जब अंबानी परिवार की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने परिवर्तनीय वारंट के साथ डिबेंचर जारी किये थे. कोई भी कंपनी अपने बिजनस में पूंजी या धन जुटाने के लिए अक्सर डिबेंचर जारी करती है. ये केवल प्राइवेट कंपनियां नहीं करती बल्कि सरकारें भी धन या पूंजी जमा करने के लिए मार्किट में डिबेंचर जारी करती है. जिसे लोग खरीदते हैं और लोगों के पैसे कंपनी में जमा होते हैं. आम भाषा में इसे शेयर्स कहा जाता है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने इन वारंट के एवज में सन 2000 में इक्विटी शेयर आवंटित किये थे. यह मामला उस समय का है जब धीरुभाई अंबानी रिलायंस का नेतृत्व कर रहे थे. उस समय तक रिलायंस समूह का बंटवारा नहीं हुआ था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...