आज कोरोना के कारण पूरा विश्व लॉक डाउन है.भारत, अमेरिका, योरोप, श्रीलंका, चेक रिपब्लिक, इटली, ईरान सब जगह लोग अपने अपने घरों में कैद हो कर रह गए हैं मगर चीन के सभी शहर खुले हुए हैं. और अब तो आठ अप्रैल से चीन का वो शहर भी खुल जाएगा जिस जगह से तबाही का ये वायरस बाहर निकला था. जी हाँ, चीन सरकार ने आठ अप्रैल से वुहान शहर को खोलने की घोषणा कर दी है.यही नहीं चीन का मुख्य पर्यटक स्थल ग्रेट वाल ऑफ़ चीन भी पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है और वहां टिकट्स की बुकिंग भी शुरू हो गई है.

उल्लेखनीय दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ जा रहा है.इनमें यूरोपीय देश इटली, स्पेन, ईरान, फ्रांस और जर्मनी और अमेरिकी देश शामिल है जबकि उसके उलट चीन में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में न केवल कमी आई है बल्कि संक्रमित मरीजों की रिकवरी का औसत भी दूसरे देशों की तुलना में काफी बेहतर देखने को मिला है.

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चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग की रिपोर्ट के अनुसार चीन में लगभग 89 फीसदी कोरोना वायरस मामलों में लोग ठीक होकर अस्पताल से छूट चुके हैं. पिछले साल दिसंबर में प्रकोप की शुरुआत के बाद से देश में दर्ज किए गए 81,093 मामलों में से 72,703 ठीक हो चुके हैं, जबकि इस समय अस्पतालों में केवल 5,120 मरीज अपना इलाज करा रहे हैं.

इस बीच चीन में कोरोना वायरस के कोई घरेलू मामले सामने नहीं आ रहे हैं.जबकि कोरोना संक्रमण के मामले में इटली और ईरान की दशा बेहद खराब और डरावनी हैं.आश्चर्यजनक बात है कि चीन में किसी भी नेता, किसी भी मिलिट्री लीडर या किसी भी बड़े बिजनेसमैन को कोरोना वायरस ने नहीं पकड़ा.कोरोना वायरस ने दुनिया भर के अर्थव्यवस्था का बंटाधार कर दिया, लाखों की नौकरी रोज़गार ख़तम कर दिए, हज़ारों की जान ले ली, लाखों को बीमार कर दिया, अनगिनत लोगो को उनके घरों में कैद कर दिया, तमाम देशों को लॉक डाउन की स्थिति में पहुंचा दिया, जिसमे भारत भी एक है जहाँ अर्थव्यवस्था उस स्थिति में पहुंच गई है जिसका संभल पाना आगे आने वाले कई सालों में बहुत मुश्किल होगा मगर चीन की अर्थव्यवस्था को कोई ज़्यादा नुक्सान होता नज़र नहीं आ रहा है.

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