बहुजन समाज पार्टी के नेता है आकाश आनंद. बीते दिनों काफी चर्चा में थे. अचानक बसपा प्रमुख मायावती ने उन की तेज गति पर विराम लगा दिया. हांलाकि, आकाश आनंद कोई साधारण युवा नेता नहीं थे. वे बसपा प्रमुख मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे यानी उन के सगे भतीजे हैं. मायावती उन को चाहती भी बहुत थीं. उन को पढ़ने के लिए विदेश भेजा था. इस के बाद उन की शादी बसपा के ही नेता डाक्टर अशोक सिद्धार्थ की बेटी डाक्टर प्रज्ञा से करवा दी. शादी में खुद मायावती मौजूद रहीं.
मायावती ने आकाश आनंद को पहले बसपा का नैशनल कोऔर्डिनेटर बनाया. 2024 के लोकसभा चुनावप्रचार में आकाश आंनद की तेजी मायावती को पंसद नहीं आई और सांपसीढ़ी के खेल की तरह आकाश आंनद अर्श से सीधे फर्श पर आ गए. आकाश आनंद युवा सोच और जोश के साथ आए मगर बिना गहराई से बसपा को समझे फायर करने लगे. आकाश आंनद को बसपा में इतने बड़े पद पर पहुंचने का मौका इसलिए मिल गया क्योंकि वे मायावती के भतीजे थे. साधारण कार्यकर्ता को तो इस उम्र में कोई छोटा पद भी नहीं मिलता है.

उत्तर प्रदेश के गोंडा लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने बेनी प्रसाद वर्मा की पोती और राकेश वर्मा की बेटी श्रेया वर्मा को टिकट दिया. बेनी प्रसाद वर्मा सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी थे. श्रेया के पिता राकेश वर्मा भी अखिलेश सरकार में मंत्री थे. यहां भी लोकसभा का टिकट युवा श्रेया वर्मा को परिवारवाद के नाम पर मिला. यह एकदो दल की कहानी नहीं है. भाजपा ने नई दिल्ली लोकसभा सीट से बांसुरी स्वराज को टिकट दिया, वह भाजपा नेता सुषमा स्वराज की बेटी है. ऐसे बहुतेरे उदाहरण हैं.

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