पंजाब के राजनीति में इन दिनों भूचाल आया हुआ है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लम्बे समय से जारी विवाद ने दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान की नींद उड़ा रखी है. तेरह साल तक भारतीय जनता पार्टी में रहने के बाद साल 2017 में जब नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थामा था तो उन्होंने कहा था वह घर वापसी कर रहे हैं. मगर अब उन्होंने घर में उत्पात मचाना शुरू कर दिया है. सिद्धू पंजाब में एक सम्मानजनक स्थान यानी प्रदेश अध्यक्ष पद हासिल करना चाहते हैं और कैप्टन उनको तवज्जो ही नहीं देना चाहते. ऐसे में सिद्धू का उखड़े-उखड़े घूम रहे थे और लगातार बयानों के ज़रिये अपनी नाराजगी प्रकट कर रहे थे.

पिछले दिनों नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर पर निजी हमला बोलते हुए कहा था कि वह दो परिवारों के सिस्टम के खिलाफ हैं. उनका सीधा इशारा प्रकाश सिंह बादल के परिवार और कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर था. उनके इस बयान को पार्टी ने ठीक नहीं माना. अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ पब्लिक में इस तरह के बयान को नवजोत सिंह सिद्धू का हिट विकेट माना जा रहा था. सिद्धू को भी इस बात का अहसास हो गया कि उनके बयानों से आलाकमान नाराज़ हो गयी हैं तो पिछले कई दिनों से उन्होंने दिल्ली में डेरा डाला हुआ था. उन्होंने राहुल गाँधी से मिलने की अर्जी लगाई. पहले तो राहुल उनसे मिले नहीं, बाद में बड़ी मुश्किल से सिद्दू प्रियंका गाँधी वाड्रा से मिलने में कामयाब हुए. उन्होंने उनके सामने अपने गिले-शिकवे रखे, तो उसके बाद राहुल ने भी उनको मिलने का मौक़ा दिया.

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