इंडिया गठबंधन ने इस बार मायावती के मास्टर स्ट्रोक का मुकाबला करने की रणनीति तैयार कर ली है. 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने सब से अधिक मुसलिम उम्मीदवार उतार कर समाजवादी पार्टी का गणित बिगाड दिया था. इस बार आजाद समाज पार्टी को साथ ले कर बसपा की कैमिस्ट्री बिगाड़ने का काम किया गया है. समाजवादी पार्टी ने रामजी लाल सुमन को राज्यसभा का उम्मीदवार बना कर बसपा के जाटव वोट में सेंधमारी की है. बसपा जिस तरह से इन चुनावों में खामोश है यह पार्टी की बेचारी को दिखाती है.

इंडिया गठबंधन की कैमिस्ट्री ने लोकसभा चुनाव में बसपा को एक किनारे कर के पूरी लड़ाई को आमनेसामने कर दिया है. अब इंडिया गठबंधन और भाजपा के एनडीए का सीधा मुकाबला होगा. ऐसे में उत्तर प्रदेश में भाजपा का विजय रथ फंस गया है. उस का प्रयास था कि उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन न बन पाए. भाजपा ने लोकदल को अलग करने में सफलता भले हासिल कर ली लेकिन सपा-कांग्रेस को मिलने से नहीं रोक पाई.

मध्य प्रदेश से सीखा सबक

भाजपा का प्रयास था कि सपा-कांग्रेस के बीच फूट डाली जाए. राहुल गांधी ने यहां मध्य प्रदेश वाली गलती नहीं की. मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने ‘अखिलेश वखिलेश’ कह कर समाजवादी पार्टी को अपना दुश्मन बना लिया था. इस बार राहुल गांधी ने धैर्य से काम लिया और हर कीमत पर दोस्ती को अंजाम तक पहुंचा दिया. ‘गोदी मीडिया’ बारबार अखिलेश को भड़काने का काम कर रही थी. दोनों ही पार्टियों के प्रदेश स्तर के नेताओं ने खूबसूरती से इस दोस्ती की क्राफटिंग की. जिस से दोनों दलों के बीच केवल गणित ही नहीं कैमिस्ट्री भी बन गई.

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