Bihar Election 2025: बात लोकसभा चुनाव की हो या फिर विधानसभा चुनाव की, हर बार यह रणनीति बनाई जाती है कि मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का फेस कौन होगा? बिहार चुनाव के पहले राजग और महागठबंधन में इस बात की होड़ लगी थी कि कौन उन का सीएम फेस होगा? भारतीय जनता पार्टी की अगुआई वाले राजग में प्रमुख दल जदयू नेता नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री है. उन की अगुआई में ही बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा. भाजपा के नेता, रणनीतिकार और देश के गृहमंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार के सीएम फेस पर कहा कि ‘सीएम फेस का चुनाव बाद में होगा?’
भाजपा और राजग के नेता बारबार यह सवाल उठा रहे थे कि महागठबंधन का सीएम फेस कौन होगा. इस के पीछे की वजह यह जानना नहीं था कि राजद नेता तेजस्वी यादव को कांग्रेस सीएम फेस के रूप में आगे करेगी या नहीं, उन की रणनीति यह थी कि सीएम फेस के बहाने महागठबंधन में झगड़े होने लगें और वह चुनाव न जीत सके. कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित कर के महागठबंधन को कमजोर होने से बचा लिया. सवाल उठता है कि आखिर सीएम फेस घोषित करने की जरूरत क्यों होती है?
देश में लोकतंत्र है, यहां जनता जिस को चुन कर भेजेगी वही मुख्यमंत्री बनेगा. फिर चुनाव से पहले ही सीएम-पीएम फेस के घोषित करने की जरूरत क्यों पडती है? राजतंत्र में यह होता है कि राजा अपना उत्तराधिकारी चुनता है. लोकतंत्र में धर्म के प्रभाव के चलते हर बार एक चमत्कारी नेता की तलाश होती है. धर्म हमें चमत्कार के बारे में बताता है. वह यह चाहता है कि हमारा चमत्कारों में यकीन बना रहे. रामायण और महाभारत में यही सिखाया गया कि भगवान अवतार लेंगे, वही जनता का भला करेंगे.
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