कुछ दिन बिहार के मुख्यमंत्री रहते सवर्णपना भोगने के बाद जीतनराम मां?ा के अंदर का व्यथित दलित मानुस बिना किसी कर्मकांड के ही जागृत हो गया है. पटना में मुसहर भुईया परिवार की सभा में वे खूब गरजे कि पहले हम दलितों ने सत्यनारायण की कथा का नाम तक नहीं सुना था और अब घरघर, टोलेटोले सत्यनारायण की कथा हो रही है, ब्राह्मण हमें लूट रहे हैं जबकि वे हमारे घरों का खाना नहीं खाते. जोशजोश में उन्होंने ब्राह्मणों को गाली भी दे डाली.
इस पर कुपित ब्राह्मणों ने नीचे वालों की अदालत का सहारा लिया और एक भाजपा नेता गजेंद्र ?ा ने तो जीतनराम की जीभ पर 11 लाख रुपए इनाम भी रख दिया. अब जो भी हो, मसला चिंतनीय तो है कि क्यों दलित धर्मकर्म के पीछे पगलाए जा रहे हैं. इस से उन की दुर्दशा तो सुधरने से रही, इसलिए बेहतर होगा कि वे धार्मिक पाखंडों से दूर रहते जागरूक बनें.
गाल बने ब्रैंड
बिलाशक हेमा मालिनी एक खूबसूरत महिला हैं लेकिन 73 की उम्र में भी वे 16-18 की दिखती हैं, ऐसा सोचना उम्र के साथ ज्यादती व उन की सुंदरता को ले कर उपजी कुंठा ही कहा जाएगा. मेकअप से जोजो कुछ ढका जा सकता है, गालों की ?ार्रियां उन में से एक हैं. न जाने क्यों देश में जब भी सड़कों की क्वालिटी की बात होती है तो उन की तुलना हेमा मालिनी के गालों से कर दी जाती है. यह रिवाज लालू यादव ने शुरू किया था जिसे हाल ही में महाराष्ट्र के एक मंत्री गुलाबराव पाटिल ने दोहराया, जिस का सार यह है कि सड़कें हों तो हेमा मालिनी के चिकने गालों जैसी, नहीं तो न हों.