प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार 17 जनवरी 2022 को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के दावोस एजेंडा समिट में हिस्सा लिया और जब बोलना शुरू किया तो बीच में बाधा उत्पन्न हो गई. जो देश और दुनिया में चर्चा का सबब बन गई है आखिर क्या है इस का सच और क्या है सारा घटनाक्रम यह आपके जानने के लिए आवश्यक है.
दरअसल,यह पहली बार देखने को मिला जब नरेंद्र दामोदरदास मोदी जैसा शख्स मौन हो गया. क्योंकि देश में एक ऐसी छवि बना कर रखी गई है कि नरेंद्र मोदी हर एक विषय के ज्ञाता हैं और जब मंच पर बोलते हैं तो अबाध गति से बोलते हैं उनके ज्ञान की कोई सानी नहीं है. और नरेंद्र मोदी हर एक विषय पर बोल सकते हैं, बोलते हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी जैसा बोलने वाला भारत भूमि में आज की तारीख में कोई है ही नहीं. उनके सामने कांग्रेस या फिर अन्य कोई विपक्षी पार्टी के नेता सोनिया गांधी हों या प्रियंका गांधी, ममता बनर्जी हो या अखिलेश यादव कोई भी ठहर नहीं पाता है और नरेंद्र मोदी अद्भुत तरीके से अपनी बात को रखते हैं की जनता मंत्रमुग्ध हो जाती है, तालियां बजाती है मोदी मोदी करने लगती है.
यह एक ऐसा प्रोपेगंडा बना करके रखा गया है 17 जनवरी को टूटता छिन्न-भिन्न हो गया जब नरेंद्र दामोदरदास मोदी बोलते बोलते रूक गए एकदम से बगले झांकने लगे. बड़ी ही चतुराई के साथ बात को संभाला और कहने लगे कि मेरी आवाज आ रही है ना! मगर यह सब रिकॉर्ड हो गया और यह चर्चा सरे राह चल निकली मोदी टेलीप्रॉन्पटर तो बोलते हैं और जब अचानक टेलीप्रॉन्पटर खराब हो गया तो मोदी मौन हो गए.
इस समिट में पीएम मोदी द्वारा दिए गए संबोधन की एक क्लिप को शेयर करते हुए कॉन्ग्रेस ने उन पर तंज कसा . इसके साथ-साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा . कॉन्ग्रेसी इको-सिस्टम के सिपाहसलार विनोद कापड़ी और रोहिणी सिंह जैसे लोगों ने नरेंद्र दामोदरदास मोदी के टेलीप्रॉन्पटर पर व्यवहार का खुलासा देश के सामने कर दिया.
टेलीप्रॉन्पटर पर बोलना अपराध नहीं
हम यहां प्रधानमंत्री पद का बड़े ही सम्मान के साथ, भाव के साथ इस संपूर्ण मामले पर निष्पक्ष रिपोर्ट आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं.
और आपको यह सिर्फ यह जानकारी देना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का टेलीप्रॉन्पटर पर बात करना कोई अपराध नहीं है और अचानक टेलीप्रॉन्पटर खराब हो गया तो भी कोई बड़ी बात नहीं है. दुनिया के एक बड़े नेता अपने भाषणों में टेलीप्रॉन्पटर का उपयोग करते ही हैं. यही नहीं यह आज के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के धुरंधरों के लिए भी बहुत उपयोगी है और सेल्यूलाइट अर्थात सिनेमा की दुनिया में भी इसका उपयोग होता है.
मगर नरेंद्र मोदी और उनके समर्थक जिस तरीके से टेलीप्रॉन्पटर के सच को छुपाते रहे हैं और देश के सामने मोदी की छवि कुछ इस तरह प्रस्तुत की जाती है कि वह तो हर सब्जेक्ट पर अबाध गति से बोल सकते हैं, बोलते हैं और उनके समक्ष कोई देश का दूसरा नेता है ही नहीं, वह तो सर्व ज्ञानी है.इस मसले पर हम इस रिपोर्ट में स्पष्ट करना चाहते हैं कि मोदी जी जो भी बोलते हैं उसमें अधिकांश टेलीप्रॉन्पटर का उपयोग होता है. मगर इसे पता नहीं क्यों छुपाया जाता है और एक आभासी विद्वान प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र दामोदरदास मोदी को खड़ा किया जाता है, उनकी छवि बनाई जाती है.
वह सब भूल जाते हैं कि जो चीज गढ़ी जाती है उसका भांडा कभी ना कभी फुट ही जाता है, सच्चाई सच्चाई होती है और झूठ झूठ.
नरेंद्र दामोदरदास मोदी अच्छे भाषण कर्ता है इसमें कोई दो मत नहीं मगर आप हर एक विषय के विद्वान है यह भाजपा के प्रचार तंत्र का प्रचार प्रसार किसी भी देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में उचित नहीं है.