देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव अपने सबाब पर हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव का समर इसलिए रोचक और रोमांचक हो गया है क्योंकि यहां जो पार्टी आगे होती है आगे चलकर "लोकसभा चुनाव" में भी वह बाजी मारती है और फिर देश का नेतृत्व करती है.

ऐसे में उत्तर प्रदेश चुनाव की अगर हम बात करें तो यहां जो परिदृश्य दिखाई दे रहा है वह चौंकाने वाला है. क्योंकि यह पहली बार होगा है जब दो दशक पश्चात गांधी नेहरू परिवार की एक सदस्य प्रियंका वाड्रा गांधी ने विधानसभा चुनाव का पूरा मोर्चा अपने हाथों में संभाल कर सभी विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी खड़े कर रही हैं.

कहा तो यह भी जा रहा है कि ऐन समय पर प्रियंका गांधी तुरूप का पत्ता चलते हुए स्वयं को मुख्यमंत्री कैंडिडेट के रूप में प्रस्तुत करके उत्तर प्रदेश की चुनावी समर की हवा बदलने वाली है.

इसकी एक झलक विगत दिनों पत्रकार वार्ता में भी दिखाई दी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने      परोक्ष रूप से कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी का चेहरा वे खुद हैं, हालांकि उन्होंने यह रिपोर्ट लिखे जाने तक यह स्पष्ट नहीं किया था कि वे चुनाव लड़ेंगी या नहीं. मगर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए ' भर्ती विधान: युवा घोषणापत्र' को लेकर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस  में प्रियंका से जब मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस की ओर से चेहरे पर सवाल किया गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा -" आपको कोई दूसरा चेहरा नजर आ रहा है ?"

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