सच्चेझूठे अनुयायी कार्यक्रम सरकारी सा था जिस में बैठनेउठने, हिलनेडुलने की स्टाइल से ले कर हंसना तक सरकारी होता है. अंबेडकर एंड मोदी रिफौर्म्स आइडियाज परफौर्मर्स इंप्लीमैंटेशन नाम की किताब के विमोचन समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उबाऊ खुलासा यह कहते किया कि नरेंद्र मोदी ही भीमराव अंबेडकर के सच्चे अनुयायी हैं क्योंकि वे भी बाबासाहेब की तरह भारत की बात करते हैं. फिर मुद्दे की बात बोले कि मोदीजी ने कश्मीर से धारा 370 हटा कर बाबासाहेब का सपना पूरा किया है.
बोले थे तो पूरा सच ही बोल देते कि भीमराव अंबेडकर की जिंदगी का पहला मिशन यह था कि जातपांत फैलाते धर्मग्रंथ जला दिए जाएं तो सारी झंझटें जड़ से खत्म हो जाएंगी. इधर मोदी के सच्चे अनुयायी चाहते यह हैं कि संविधान ही खत्म कर दो जिस से हिंदू राष्ट्र बनने का रास्ता साफ हो जाए. विमोचित इतना भर हुआ कि आस्थाएं और निष्ठाएं कभी भूतपूर्व नहीं होतीं. झारखंड की अपर्णा हेमंत सोरेन कब तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहने दिए जाएंगे, यह फ्लैश के खेल जैसी ब्लाइंड है जिस का शो उस भगवा गैंग के हाथों में है जिसे गैरभाजपाई मुख्यमंत्रियों को हटाने में क्रूर आनंद आता है. लाभ के पद के मामले में संकट से घिरे हेमंत को अपने सगे वाले भी कम हैरानपरेशान नहीं कर रहे.
इन में सब से अहम नाम उन की विधायक भाभी सीता सोरेन का है जो खुद को ससुर शिबू सोरेन की सियासी विरासत का असली हकदार होने की खुशफहमी पाले हैं. आजकल अपने वाले पहले जैसे नहीं रहे कि चोट लग जाने पर फर्स्टएड बौक्स ले कर दौड़े चले आएं बल्कि वे हाथ में नमक ले कर आते हैं. यही सीता कर रही हैं जिन्होंने हेमंत सरकार के खिलाफ मोरचाबंदी तेज कर दी है. इसलिए झारखंड में उन की तुलना अपर्णा यादव से की जाने लगी है. कुछ लोग तो उन्हें लेडी विभीषण भी कहने लगे हैं. अब यह और बात है कि वे सतयुग की सीता सी भाभी होतीं तो उन का लक्ष्मण उन्हें कैबिनेट में तो जरूर लेता.
श्री आदित्यनाथ मंदिर 32 वर्षीय प्रभाकर मौर्य समझदार कह लें या धूर्त नौजवान है जो उस ने 10 लाख रुपए की लागत से ऐसा कारोबार शुरू किया जिस में घाटे की कोई गुंजाइश ही नहीं है. दरअसल प्रभाकर ने अयोध्या में भरत कुंड के नजदीक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनाया है जिस में रोज बाकायदा योगीजी की आदमकद मूर्ति का पूजन और आरती होती है. कुछ दिनों में वहां यज्ञ, हवन, अनुष्ठान और भंडारे भी होते दिखेंगे जिस से प्रतिदिन आने वाले चढ़ावे में बढ़ोतरी होगी और देखतेदेखते ही वह बिना कोई गेम शो खेले करोड़पति बन जाएगा. इस युवा ने कहने को यह मंदिर योगीजी और उन के हिंदुत्व से प्रभावित हो कर कोई कसम पूरी होने पर बनाया है.
हकीकत तो यह है कि प्रभाकर बैठेबिठाए कमाई चाहता था जो मंदिर से ही मुमकिन है. वैसे भी, यह दौर जीवित देवताओं का है, मंदिरों और हार्ड हिंदुत्व का है, ढोंगपाखंडों का है. सो, यह तो होना ही था. हवा हुई मां कसम लोग तो पी कर हवा में उड़ते हैं लेकिन हवा में उड़ने के बाद पीने का यह अनूठा मामला है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हवाई जहाज में शराब पी कर झूम नहीं, बल्कि लड़खड़ा रहे थे, जिन्हें उन की पत्नी गुरप्रीत कौर और सिक्योरटी वालों ने जैसेतैसे संभाल रखा था. हंगामा हुआ तो उन्हें जरमनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर नीचे उतार दिया गया जहां से वे वापस लौट रहे थे. बकौल आप, मान ने पी नहीं थी बल्कि वे बीमार थे और बकौल विरोधी, उन्होंने पी रखी थी जिस से पंजाबी अस्मिता का अपमान हुआ है. इस हवाई कांड से मान की मंच से 2019 में खाई वह कसम याद आ गई जिस में उन्होंने कहा था कि मां कसम मैं ने पहली जनवरी से पीना छोड़ दिया है.