एक वयोवृद्ध, अतीत में मजदूर परिवार के मलिकार्जुन खड़गे का अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनना भाजपा के लिए यह एक सदमे से कम नहीं है . देश की राजनीतिक फिजा में यह घटना सहज सामान्य प्रतीत होती है, मगर साफ दिखाई दे रहा है भाजपा के माथे पर सिलवटें पड़ गई हैं. कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचन के बाद भारतीय जनता पार्टी को मानो पाला पड़ गया है उसे थुकते बन रहा है और नहीं निगलते हुए.
मलिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष बनवा कर श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल द्वारा मानो भारतीय जनता पार्टी को अस्त्र-शस्त्र विहीन कर दिया गया है. 2024 के लोकसभा समर में इन परिस्थितियों के बीच भाजपा की क्या रणनीति होगी यह देश जाने के लिए बेताब है.दरअसल,देश के लिए यह एक ऐतिहासिक घटना है- अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लंबे समय बाद एक गैर गांधी नेहरू परिवार से, एक मजदूर परिवार में जन्म लेकर कांग्रेस अध्यक्ष बनने का इतिहास मलिकार्जुन खड़गे द्वारा लिख दिया गया है.
कांग्रेस में एक विख्यात और विश्वसनीय नेता के रूप में स्थापित हो चुके मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान संभाल एक इतिहास रचा दिया है. कांग्रेस मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में सोनिया गांधी, राहुल गांधी के साथ ही कई दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में खड़गे की ताजपोशी हो गई है. कांग्रेस पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे ने जो कहा उससे यह संकेत गया है कि सोनिया गांधी के ब्लूप्रिंट को आगे बढ़ाने और राहुल गांधी के विजन को लेकर चलने का संकेत है.
खड़गे ने अपने संबोधन से एक बड़े तबके का मानोदिल जीत लिया है वहीं भारतीय जनता पार्टी की धड़कन बढ़ गई है क्योंकि एक बड़ा मुद्दा भाजपा के हाथ से निकल गया है कि कांग्रेस मां बेटे की पार्टी है, यह आरोप लगाकर के भाजपा देश की जनता को आकर्षित करती थी मगर अब यह एक बड़ा मुद्दा भाजपा के हाथ से फिसल गया है और इस तरह भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं की बोलती बंद हो गई है. क्योंकि मलिकार्जुन खड़गे एक दलित परिवार से हैं ऐसे में खड़गे पर बिना सर पैर का आक्रमण भाजपा को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.
खड़गे, सोनिया, राहुल एक चुनौती
देश में अब कांग्रेस जैसी ऐतिहासिक पार्टी में मल्लिकार्जुन खड़गे युग का आगाज हो गया है. कांग्रेस मुख्यालय में खड़गे ने पदभार ग्रहण किया . खड़गे ने बतौर कांग्रेस अध्यक्ष अपने पहले संबोधन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की जमकर तारीफ की. फिर चाहे वह सोनिया की यूपीए सरकारों पर छाप हो या राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा. खड़गे के मुताबिक इन दोनों शख्सियतों ने अपनी जिंदगी के बहुमूल्य दिन देश और कांग्रेस पार्टी को दिए हैं. जहां तक बात मलिकार्जुन खड़गे की है उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा 1969 में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में शुरू की थी, उसे आपने आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को शोभायमान किया है.
यहां उल्लेखनीय तथ्य यह है कि कांग्रेस की हालत आज बहुत अच्छी नहीं है एक समय में संपूर्ण देश में कांग्रेस की तूती बोलती थी मगर आज भारतीय जनता पार्टी की रणनीति के सामने और आक्रामक व्यवहार से कांग्रेस सिमटती चली जा रही है. भाजपा की रणनीति यह है कि देश में विपक्ष नाम मात्र का रह जाए और उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस पार्टी की ही है क्योंकि संपूर्ण देश में कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और काग्रेस से प्रेम करने वाले लोगों की तादाद करोड़ों में है और जब तक देश में कांग्रेस का अस्तित्व है भाजपा के लिए यह एक चुनौती है और वह चैन की नींद नहीं सो सकती. यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी साम, दाम, दंड, भेद करके काग्रेस को नेस्तनाबूत कर देना चाहती है. और भाजपा की इस योजना के सामने अब नये स्वरूप में मलिकार्जुन खड़गे के साथ खड़े हैं श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी.