गलती छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इतनी भर है कि वे भी भगवा टोटकों की गिरफ्त में आ गए हैं. देश पूजापाठ, तंत्रमंत्र, यज्ञहवन, नदीतीर्थ और ज्योतिष से चल रहा है. इन बेहूदगियों पर भाजपा के कौपीराइट तोड़ते भूपेश ने राज्य का बजट गोबर से बने सूटकेस में रख कर पेश किया, जिस पर संस्कृत में लिखा था ‘गोमय वसते लक्ष्मी’ यानी गोबर में लक्ष्मी का वास होता है.

इस मूर्खता पर तरस भी नहीं खाया जा सकता क्योंकि संदेश यह दिया जा रहा है कि पैसा मेहनत, बुद्धि, शिक्षा और उद्यम से नहीं बल्कि गोबर थोपने जैसे अंधविश्वासों से आता है. गाय का इतना गुणगान इन दिनों किया जा रहा है कि उसे न पालने पर खुद के पापी होने की फीलिंग हर किसी में आने लगी है.

जिल्द में यूपी वाला भैया

बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में अपनी जिंदगी पर किताबें लिखवाने का फैशन खूब फलफूल रहा है. इस से लौकडाउन में बेरोजगार हुए कई रिटायर्ड लेखकों और पत्रकारों को रोजगार मिल रहा है. ऐसे ही एक युवा लेखक शांतनु गुप्ता हैं जिन के क्लाइंट कोई ऐरागैरा, अर्धकामयाब,  मिडिलक्लासी नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसी भगवा हस्ती है.

शांतनु ने योगी की जिंदगी पर अभी तक 2 किताबें लिखी हैं जो धड़ाधड़ बिक रही हैं. नई किताब का शीर्षक है. ‘द मोंक हू ट्रांसफौर्म उत्तर प्रदेश, हाऊ योगी चेंज यूपी वाला भैया’.

भैया शब्द के अतिरिक्त आकर्षण वाली यह किताब अभिजात्य चाटुकारिता से भरी पड़ी है, जिस की बिक्री का आंकड़ा एक लाख प्रतियां छूने को है. शांतनु तो योगी के तुलसीदास हो गए हैं, इसलिए उन पर धनवर्षा भी खूब हो रही है. अब यह और बात है कि किताब में हकीकत कम यूपी के विकास की फांकालौजी ज्यादा है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...